बोकारो: निजी नर्सिंग होम और अस्पतालों की मनमानी पर नकेल कसने के लिए सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र कुमार ने सोमवार को बोकारो के तीन अस्पताल महामाया हॉस्पिटल, ममता हॉस्पिटल और रॉयल हॉस्पिटल का औचक निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान पाया गया कि इन तीनों में से कोई भी अस्पताल नियम-कानून का पालन नहीं कर रहा है।
फोर लेन पर स्थित महामाया हॉस्पिटल अभी निर्माणाधीन है और अस्पताल का रजिस्ट्रेशन मांगा जा रहा है। वहीं, ममता व रॉयल हॉस्पिटल में एक भी डॉक्टर नहीं मिले। सभी नर्स अनट्रेंड थी। इन्हीं की बदौलत अस्पताल चल रहा है।
ममता हॉस्पिटल के नर्स से जब पूछा गया कि आपने कहां से पढाई की है तो को जबाव नहीं दी। सिविल सर्जन ने कहा कि तीनों अस्पताल के खिलाफ नियम संगत कार्रवाई की जाएगी।
जिले में नियमित जांच अभियान चलाया जाएगा जो अस्पताल क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट का अनुपालन नहीं करेंगे, उनका रजिस्ट्रेश रद्द किया जाएगा।
मालूम हो कि बोकारो जिले में कुकुरमुत्ते की तरह निजी अस्पताल खोले जा रहे हैं। मरीजों के इलाज के नाम पर आर्थिक दोहन किया जा रहा है।
कुछ अस्पताल वाले तो सदर अस्पताल के ईद-गिर्द मरीजों के लिए चक्कर काटते रहते हैं। यदि किसी मरीज का रेफर दूसरे अस्पताल में किया जाता है, उन्हें बहला फूसलाकर अपने अस्पताल में ले जाते हैं।