रांची: झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव का पेट्रोल-डीजल पर वैट कम नहीं करने का निर्णय हठधर्मिता का प्रतीक है। साथ ही जनविरोधी और किसान विरोधी भी।
कांग्रेस शासित राजस्थान और पंजाब की सरकार ने वैट कम कर जनता को राहत देने का काम किया फिर झारखंड में आपत्ति क्यों।
प्रकाश ने मंगलवार को कहा कि झारखंड में पेट्रोल डीजल पर वैट कम नहीं करना झारखंड की जनता के साथ धोखा है
वित्त मंत्री कहते थे कि पहले केंद्र सरकार उत्पाद शुल्क कम करें फिर झारखंड सरकार देखेगी। अब जब केंद्र सरकार ने कदम बढ़ाया है तो फिर नया नौटंकी।
वित्त मंत्री कहते हैं कि झारखंड सरकार का गरीबों को मदद करने का तरीका अलग है। वह तरीका उन्हें सार्वजनिक करनी चाहिए। वैसे भी कांग्रेस और महंगाई का पुराना नाता रहा है।
राज्यसभा में महंगाई पर बहस के दौरान दुम दबा कर भागने वाली कांग्रेस को महंगाई पर बोलने का नैतिक हक नहीं है।
कितनी आश्चर्यजनक और हास्यास्पद बात है कि झारखंड कांग्रेस के नेता राज्य में वैट कम करवाने की बजाय 12 दिसंबर को राजस्थान के जयपुर में महंगाई हटाओ महारैली में भागीदारी को लेकर उत्साहित हैं।
अगर झारखंड कांग्रेस वाकई जनता की हितैषी है तो पार्टी के नेताओं को राजस्थान जाने की बजाय झारखंड सरकार से पेट्रोल-डीजल में वैट कटौती करने का दबाव बनाना चाहिए। पेट्रोल पंप संचालकों ने भी वैट कम नहीं करने पर पंप बंद करने की चेतावनी दी है।