रांची: न डॉक्टर की डिग्री, न क्लिनिक चलाने का लाइसेंस। मोबाइल फोन के जरिये तीन साल के एक बच्चे का गलत इलाज कर दिया।
इस गलत इलाज से बच्चे की मौत हो गयी। आरोपी झोलाछाप डॉक्टर चाचा-भतीजा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। अब इन दोनों आरोपियों की जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
बता दें कि इटकी के राज क्लिनिक के संचालक मनोज केसरी, उसके बेटे वैभव केसरी और मनोज केसरी के भाई सरोज केसरी के खिलाफ दो सितंबर 2021 को प्राथमिकी (76/21) दर्ज करायी गयी थी।
प्राथमिकी के मुताबिक, इन आरोपियों पर इटकी के महुआ टिकरा निवासी दिनेश भगत के तीन साल के बच्चे का मोबाइल फोन के जरिये गलत इलाज करने का आरोप है। इलाज के दौरान बच्चे की मृत्यु हो गयी थी।
इस मामले में पुलिस ने आरोपी सरोज केसरी और उसके भतीजे वैभव केसरी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। तीसरा आरोप क्लिनिक का संचालक मनोज केसरी अभी तक फरार है।
आरोप है कि तीनों आरोपियों में से किसी के भी पास डॉक्टर की डिग्री नहीं है, न ही उनके पास क्लिनिक चलाने का लाइसेंस है। इसके बावजूद वे लोग कई वर्षों से अवैध क्लिनिक में लोगों का इलाज कर रहे थे।
इधर, गिरफ्तारी के बाद आरोपी सरोज केसरी और उसके भतीजे वैभव केसरी ने कोर्ट में जमानत याचिका दायर की।
अपर न्यायायुक्त प्रकाश झा की अदालत ने उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई करने के बाद उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया।