रांची: सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत में झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के 2008 में व्याख्याता नियुक्ति घोटाला मामले में जेपीएससी के तत्कालीन सदस्य राधा गोविंद नागेश ने मंगलवार को सरेंडर किया। अदालत ने आरोपित को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
उनकी ओर से इसके खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, लेकिन कोर्ट ने उन्हें राहत देने से इन्कार कर दिया था।
सीबीआइ ने व्याख्याता नियुक्ति घोटाले की जांच पूरी करते हुए सितंबर 2019 में जेपीएससी के पूर्व अध्यक्ष दिलीप प्रसाद, तत्कालीन सदस्य राधा गोविंद नागेश, गोपाल प्रसाद सिंंह, शांति देवी परीक्षा नियंत्रक एलिस उषा रानी एवं 63 अभ्यार्थियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2013 में सीबीआइ ने नियुक्ति घोटाले की जांच शुरू की थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस मामले में सीबीआइ की जांच तेज हो गई थी।
दाखिल चार्जशीट में कॉपी और मार्कशीट में नंबर बढ़ाने के आरोपों की फॉरेंसिक लैब की जांच में ओवरराइटिंंग की पुष्टि हुई है।
मिलीभगत करते हुए कई अभ्यार्थियों को सफल घोषित करने के लिए कॉपी और मार्कशीट में छेड़छाड़ की गई है। राधा गोविंंद नागेश इससे पूर्व भी जेपीएससी नियुक्ति घोटाले के अन्य मामले में जेल जा चुके हैं।