नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपुरा में हुई हिंसा को कवर करने गए एचडब्ल्यूएल नेटवर्क की दो महिला पत्रकारों और उसके एक संपादक के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर कोई भी कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है।
कोर्ट ने त्रिपुरा पुलिस को चार हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
एचडब्ल्यूएल नेटवर्क ने याचिका में कहा है कि उसके दो महिला पत्रकारों समृद्धि सुकन्या, स्वर्णा झा और एसोसिएट एडिटर आरती गार्गी के खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त किया जाए।
याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि पत्रकारों को त्रिपुरा पुलिस ने उठा लिया और उसके बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई।
उन्हें जमानत मिल चुकी है लेकिन उनके खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज की गई है। पहली एफआईआर में इन पत्रकारों की रिपोर्ट को आधार बनाया गया और दूसरी एफआईआर में कहा गया कि इन पत्रकारों ने गलती की है।
उसके बाद कोर्ट ने दोनों एफआईआर पर कोई भी कार्रवाई करने पर रोक लगा दी।
उल्लेखनीय है कि त्रिपुरा पुलिस ने इन पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर आरोप लगाया है कि उन्होंने अपनी रिपोर्ट में राज्य की गलत तस्वीर पेश की, जिससे आपसी सौहार्द्र बिगड़ने की आशंका है।
इसके पहले सुप्रीम कोर्ट दिल्ली के एक पत्रकार और दो वकीलों के खिलाफ त्रिपुरा पुलिस की ओर से दर्ज एफआईआर पर कार्रवाई करने पर रोक लगा चुकी है।