रांची: झारखंड सरकार जनजातीय शिक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण पहल करनेवाली है।
विधानसभा के शीतकालीन सत्र में राज्य सरकार जनजातीय विश्वविद्यालय के गठन के लिए विधेयक ला सकती है।
हाल ही में जनजातीय सलाहकार परिषद (टीएसी) की बैठक हुई थी, जिसमें आदिवासियों को लेकर कई बड़े फैसले लिये गये थे। इसमें सबसे बड़ा फैसला यह था कि राज्य में जनजातीय विश्वविद्यालय के लिए झारखंड सरकार को प्रस्ताव भेजा जाये।
अब सरकार शीतकालीन सत्र में इस विश्वविद्यालय के लिए प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही है। उल्लेखनीय है कि झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र 16 दिसंबर से शुरू होगा, जो 22 दिसंबर तक चलेगा।
गौरतलब है कि झारखंड में खुलनेवाला यह पूर्वी भारत का पहला जनजातीय विश्वविद्यालय होगा। जमशेदपुर के गालूडीह और घाटशिला के बीच इस विश्वविद्यालय के निर्माण की योजना है। इसके लिए 20 एकड़ जमीन भी चिह्नित की जा चुकी है।
जमशेदपुर से महज 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गालूडीह बंगाल और ओड़िशा के भी करीब है। साथ ही यह राष्ट्रीय राजमार्ग से सटा है। विश्वविद्यालय का निर्माण होने से इन राज्यों के विद्यार्थियों को बहुत फायदा होगा।
फिलहाल, बंगाल में कोई जनजातीय विश्वविद्यालय नहीं है, वहीं ओड़िशा में एक निजी जनजातीय विश्वविद्यालय है। मध्य प्रदेश में भी पूर्व से एक जनजातीय विश्वविद्यालय संचालित किया जा रहा है।
बंगाल और ओड़िशा के विद्यार्थियों को भी इस विश्वविद्यालय के खुलने से फायदा होगा। इसके साथ ही आस-पास के इलाकों में रोजगार की भी संभावना बढ़ेगी।