रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि कोविड-19 के नये वेरिएंट ओमिक्रॉन के संभावित खतरे के मद्देनजर हर स्तर पर अलर्ट रहें।
कोरोना संक्रमण का नया वेरिएंट राज्य में पैर नहीं पसार सके, इसके लिए पूरी तैयारी रखें। राज्य में कोरोना प्रोटोकॉल का हर हाल में पालन हो, यह सुनिश्चित करें। कोविड वैक्सीनेशन कार्य में तेजी लायें।
कोरोना संक्रमण से बचने का कारगर उपाय सिर्फ और सिर्फ टीकाकरण ही है। जिन लोगों ने पहला डोज नहीं लिया है, उनको पहला डोज लगायें तथा जिन लोगों को दूसरा डोज नहीं लगा है, वे ससमय दूसरा डोज लगा लें, यह हर हाल में सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री गुरुवार को झारखंड मंत्रालय में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ राज्य में कोरोना संक्रमण की अद्यतन स्थिति एवं नये वेरिएंट ओमिक्रॉन से बचाव को लेकर राज्य सरकार द्वारा की जा रही तैयारियों के संबंध में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में बोल रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 18 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों का शत-प्रतिशत टीकाकरण कार्य सुनिश्चित हो, यह राज्य सरकार का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि राज्य में 20 जनवरी 2022 तक शत-प्रतिशत टीकाकरण कार्य के लक्ष्य को पूरा करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी कोविड टीकाकरण कार्य में हर हाल में तेजी लाने का प्रयास करें। जिन राज्यों में शत-प्रतिशत टीकाकरण कार्य हो चुका है, उन राज्यों के टीकाकरण मॉडल की जानकारी प्राप्त कर एक बेहतर कार्य योजना बनायें।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य के हरेक पंचायत मुख्यालय में स्थायी वैक्सीनेशन सेंटर स्थापित करें। सभी सेंटरों में वैक्सीनेशन टीम की प्रतिनियुक्ति करें।
आवश्यकता अनुसार वैक्सीनेशन टीम पंचायत स्थित विभिन्न गांवों में घर-घर जाकर छूटे हुए लोगों का पहला और दूसरा डोज लगाने का काम प्राथमिकता के आधार पर करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के नये वेरिएंट ओमिक्रॉन को हमें हल्के में नही लेना है। इस वेरिएंट से बचने के लिए लोगों को जागरूक कर इससे सतर्क रहने के लिए प्रेरित करें।
विदेशों से आनेवाले लोगों की कोविड जांच सुनिश्चित करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि विदेशों से आनेवाले लोगों की कोविड जांच हर हाल में हो, यह सुनिश्चित करें। एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन एवं बस अड्डों पर विदेश तथा दूसरे राज्यों से आनेवाले लोगों की जांच की व्यवस्था दुरुस्त रखें।
जांच में पॉजिटिव पाये जाने पर ओमिक्रॉन वेरिएंट है या नहीं, इसकी जांच हेतु सैंपल को यथाशीघ्र ओड़िशा भेजें। पॉजिटिव मरीजों की आठ दिनों बाद दोबारा कोविड जांच अवश्य करें।
उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन वेरिएंट के मरीजों के बेहतर इलाज हेतु कोविड अस्पतालों में अलग वार्ड की व्यवस्था करें। राज्य के सभी जिलों में पर्याप्त मात्रा में दवा, आईसीयू बेड, ऑक्सीजन बेड आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करें। जिस जिले अथवा क्षेत्रों में पॉजिटिव मरीजों की संख्या ज्यादा है, वहां कोविड जांच अधिक से अधिक हो, यह सुनिश्चित करें।
राज्य में 80 मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट स्थापित, 25 जनवरी 2022 तक और 13 प्लांट होंगे तैयार
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सरकारी और निजी संस्थान मिलाकर 99 मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया था। 99 के विरुद्ध अब तक 80 मेडिकल ऑक्सीजन के प्लांट राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित हो चुके हैं। 25 जनवरी तक 13 और मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट बनकर तैयार हो जायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है। हम सभी का लक्ष्य होना चाहिए कि स्थिति के अनुसार हम विपत्तियों का सामना मजबूती के साथ कर सकें, इसकी पूरी तैयारी रहे।
हेमंत सोरेन के समक्ष स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रेजेंटेशन के माध्यम से राज्य में कोरोना की अद्यतन स्थिति एवं तैयारियों की जानकारी रखी गयी।
प्रेजेंटेशन के माध्यम से यह बताया गया कि राज्य में अभी 129 पॉजिटिव मरीज हैं। झारखंड में अब तक 70.45 प्रतिशत लोगों को कोविड वैक्सीनेशन का पहला डोज एवं 35.58 प्रतिशत लोगों को दूसरा डोज लग चुका है।
प्रेजेंटेशन में बताया गया कि राज्य के कोविड अस्पतालों में मरीजों के बेहतर इलाज हेतु 14863 ऑक्सीजन बेड, 3204 आईसीयू बेड, 1456 वेंटिलेटर तथा 8738 नॉर्मल बेड तैयार रखे गये हैं।
छोटे बच्चों के गुणवत्तापूर्ण इलाज हेतु 1147 आईसीयू बेड, 1799 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड, 234 वेंटिलेटर और 375 मीडियम आईसीयू (एचडीयू) बेड तैयार किये गये हैं।
बैठक में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त सह स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, आपदा सचिव अमिताभ कौशल, एनआरएचएम के मैनेजिंग डायरेक्टर रमेश घोलप, जेएसएलपीएस की सीईओ नैंसी सहाय सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।