पटना: विदेश यात्रा से पटना आए पांच लोगों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। इसमें दो सिंगापुर और तीन नेपाल से आए हैं। एक
साथ पांच लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने से हड़कंप मच गया है। स्वास्थ्य विभाग में कांटेक्ट ट्रेसिंग और सैंपल कलेक्शन के साथ अब जिनोम सिक्वेंसिंग की तैयारी चल रही है।
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों की जांच की तैयारी की जा रही है। सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी का कहना है कि जांच का दायरा बढ़ाया जा रहा है।
पटना में विदेश से आने वाले ही चुनौती बन रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें तो गुरुवार को पांच ऐसे लोगों की रिपोर्ट आई है जो विदेश यात्रा से पटना आए हैं।
सूत्रों का कहना है कि इसमें दो सिंगापुर से पटना आए है और तीन नेपाल से पटना आए हैं। कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद से हड़कंप मचा है। स्वास्थ्य विभाग लगातार बैठक कर रहा है।
ऐसे में लोगों को ट्रेस करने के साथ उनके संपर्क में आए लोगों की भी जांच कराई जा रही है। पटना में दुबई से आने वाले दो लोगों की रिपोर्ट पहले ही पॉजिटिव आई है और अब तक उनकी जिनोम सिक्वेंसिंग भी नहीं हो पाई है।
अब गुरुवार को पांच अन्य लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इसमें सिंगापुर से आने वालों के साथ नेपाल से आए लोग शामिल हैं।
सूत्रों की मानें तो स्वास्थ्य विभाग में विदेश से आए लोगों की रिपोर्ट आने के बाद हड़कंप मचा है। ऐसे लोगों की पूरी कांटेक्ट हिस्ट्री के साथ ट्रवेल हिस्ट्री खंगाली जा रही है।
ओमीक्रोन के खतरे के बीच बरती जा रही लापरवाही
ओमीक्रोन को लेकर बिहार में स्वास्थ्य विभाग बेपरवाह है। विदेश से लौटे कोरोना संक्रमितों की निगरानी का दावा किया जा रहा है, लेकिन उनके घर को भी चिन्हित नहीं किया गया है।
संक्रमितों के मोहल्ले को न तो सैनिटाइज किया जा रहा है और न ही संक्रमितों के घर पोस्टर चिपकाया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की इस लापरवाही से संक्रमण की चेन बढ़ सकती है।
राजधानी पटना में दुबई से आए दो संक्रमितों के साथ कुल 21 कोरोना संक्रमित हैं। दोनों विदेशियों में कौन से वैरिएंट हैं, इसकी जांच नहीं हो पाई है।
कुल 21 संक्रमितों के घर कोरोना का कोई इंडिकेटर नहीं लगाया गया है। पटना की सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी का कहना है कि कंटेनमेंट जोन बनाने का काम प्रशासन का होता है।
विदेश से पटना आए 322 यात्रियों के मोबाइल स्वीच ऑफ
विदेश यात्रा से पटना आए 322 लोगों ने अपना मोबाइल ऑफ कर लिया है। ओमीक्रोन को लेकर यह खतरे की घंटी है। स्वास्थ्य विभाग अब तक उनका कोई सुराग नहीं लगा पाया है।
वह कोरोना पॉजिटिव हैं या फिर निगेटिव, इसकी भी कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। स्वास्थ्य विभाग को 1720 लोगों की सूची मिली हैए लेकिन सैंपल मात्र 305 लोगों का ही लिया जा सका है।
केंद्र सरकार से विदेश यात्रा से पटना लौटे 1720 यात्रियों की सूची दी गई है जो हाल ही में विदेश यात्रा से वापस लौटे हैं। अब तक मात्र 429 लोगों से बात हो पाई है और 322 लोगों का मोबाइल बंद हो गया है।
ऐसे में ये लोग कोरोना को लेकर बड़ा खतरा हैं। ऐसे में इनकी जांच जरूरी हो गई है। लापरवाही भारी पड़ सकती है।