रांची: कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर झारखंड स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है।
सदर अस्पताल में ओमिक्रॉन के खतरे के मद्देजनर व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए एनएचएम अभियान के निदेशक रमेश घोलप पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अस्पताल के नए भवन में बने 20 बेड के आइसोलेशन वार्ड का निरीक्षण किया।
इसके साथ ही लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट (एलएमओ), पीएसए (पीएसओ) प्लांट सहित अस्पताल के विभिन्न विभागों का भी जायजा लिया।
घोलप ने शनिवार को कहा कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक हुई थी। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने अस्पतालों में लगे ऑक्सीजन प्लांट को जल्द शुरू करने का आदेश दिया था।
इसी क्रम में सदर अस्पताल रांची का निरीक्षण किया गया है। ऑक्सीजन प्लांट का काम कर रही एजेंसी को 26 दिसंबर तक काम पूरा करने का आदेश दिया गया है।
एनएचएम के अभियान निदेशक ने कहा कि सदर अस्पताल में ऑक्सीजन बेड, आइसीईयू बेड, पीकू (पीआईसीयू) और नीकु (एनआईसीयू ) मिलाकर 550 बेड की व्यवस्था है।
सभी बेड पर मरीजों का इलाज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल के सिविल इंफ्रास्ट्रक्चर, इलेक्ट्रिसिटी और पाइपलाइन का काम करने वाली एजेंसी को जल्द काम पूरा करने का निर्देश दिया है।
घोलप ने कहा कि विदेशों से आने वाले लोग यदि कोरोना संक्रमित पाए गए तो उनके सैंपल को जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए लैब में भेजा जाएगा।इस दौरान उन्हें सदर अस्पताल के नए बिल्डिंग में बने 20 बेड के आइसोलेशन वार्ड में रखा जाएगा।
यहां दूसरे संक्रमित मरीजों को भर्ती नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी जिले के उपायुक्तों को अपर मुख्य सचिव के द्वारा निर्देश दिया गया है कि वे अपने जिले की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को जल्द व्यवस्थित करें।
उन्होंने कहा कि राज्य के कुछ जिलों का भी जल्द निरीक्षण करूंगा।