रांची: माकपा की पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने कहा कि एचईसी को बचाने और वहां के विस्थापितों की समस्या का हल निकालने के लिए पार्टी आंदोलन शुरू करेगी।
कारात शनिवार को पार्टी की तीन दिवसीय बैठक के बाद आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित कर रही थी।
उन्होंने कहा कि किसानों के आंदोलन को दबाने के लिए कई हथकंडे अपनाए गए थे। लेकिन किसानों की एकजुटता के सामने केंद्र सरकार को मुंह की खानी पड़ी।
अब देश का मजदूर वर्ग संघर्षों की नयी कतारबंदी खड़ी कर रहा है। 16-17 दिसंबर को बैंक कर्मचारियों की देशव्यापी हड़ताल, 16 दिसंबर को ही इस्पात उद्योग मे अखिल भारतीय हड़ताल और 19 जनवरी को फार्मा उद्योग के कामगारों की हड़ताल और 23-24 फरवरी को सभी श्रमिक संघों के आह्वान पर आयोजित होने वाली देशव्यापी हड़ताल मेहनतकशों के संघर्षों की अगली कड़ी है।
मौके पर माकपा के राज्य सचिव प्रकाश विप्लव ने राज्य कमिटी बैठक की जानकारी देते हुए आगामी कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि झारखंड सरकार द्वारा पंचायत चुनावों को टाले जाने,
आनलाइन लगान रसीद निर्गत नहीं किए जाने, ग्रामीण क्षेत्रों मे जबरन प्रोपर्टी कार्ड योजना लागू किए जाने का प्रयास करने, बस भाड़े मे मनमाना बढोत्तरी किए जाने,
पंचायत स्तर तक धान क्रय केंद्र नहीं खोलने, जमीन के दस्तावेजों के कम्प्यूटरीकरण मे हुयी अनियमितता, विस्थापन आयोग का गठन जैसे ज्वलंत मुद्दों पर अगले पांच से दस जनवरी के बीच प्रखंड कार्यालयों पर प्रदर्शन आयोजित कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जायेगा।
इसके अलावा परिवहन भाड़े मे बढोत्तरी के खिलाफ कमिश्नरी मुख्यालय मे अवस्थित परिवहन प्राधिकरण के अध्यक्ष सह आयुक्त से मिलकर उचित भाड़ा निर्धारण के लिए स्मार पत्र सौंपा जायेगा।
बैठक मे एक प्रस्ताव पारित कर पंचायत और स्थानीय निकायों के चुनाव दलीय आधार पर कराने तथा पंचायत चुनाव की तिथि अविलंब घोषित किए जाने की मांग की गई।