रांची: रांची के सिविल कोर्ट में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 12 हजार मामलों का निपटारा किया गया।
इस दौरान 33 करोड़ 18 लाख दो हजार 125 रूपयों का निष्पादन विभिन्न मामलों में किया गया। प्री-लिटिगेशन के कुल 7000 मामले तथा 5000 लंबित मामलों का निपटारा भी किया गया।
निष्पादित मामलों में आपराधिक सुलहनीय मामले, ट्रैफिक, उत्पाद, वन, माप-तौल, रेलवे एवं बैंकिंग के मामले प्रमुख है।
इसके पूर्व उदघाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में न्यायायुक्त अरूण कुमार राय, प्रधान न्यायाधीश ऋषिकेश कुमार, एजेसी- वन सुधांशु कुमार शशि, डालसा सचिव कमला कुमारी, सचिव, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष शम्भू प्रसाद अग्रवाल, सचिव संजय विद्रोही सहित अन्य उपस्थित थे। मंच का संचालन डालसा सचिव कमला कुमारी ने किया।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने के लिए 52 बेंचों का गठन किया गया हैं। संबंधित बेंचों में वादकारी जाकर अपने वादों का निबटारा कर सकते हैं।
मौके पर एजेसी-वन एस.के. शशि ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत अवसर की तरह है। कोरोन काल की वजह से वादों का निपटारा नहीं किया जा सका, जिससे न्यायिक बोझ बढ़ा है।
इस लोक अदालत में उक्त वादों का अधिक से अधिक निपटारा कर न्यायिक बोझ को कम किया जा सके। कोरोना महामारी के कारण लगभग 16000 वादों का अतिरिक्त बोझ न्याय व्यवस्था में बढ़ा है।इसे लोक अदालत के माध्यम से कम करना जरूरी है।
मौके पर फैमिली जज ऋषिकेश कुमार ने कहा कि बार एसोसिएशन एवं अधिवक्ताओं के बिना हम लंबित वादों का निबटारा नहीं कर सकते हैं। पिछले बार 11 सितम्बर, 2021 को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया था।
आज पुनः 11 दिसम्बर, 2021 को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। हमलोगों का प्रयास होगा कि अधिवक्ताओं, पैनल अधिवक्ताओं एवं मध्यस्थों के साथ मिलकर अधिक से अधिक वादों का निबटारा कर न्यायिक बोझ को कम किया जाय।