रांची : ‘झारखंड पारा शिक्षक सेवा शर्त नियमावली 2021’ के प्रारूप में वेतनमान की जगह मानदेय वृद्धि का प्रावधान किये जाने से पारा शिक्षक नाराज हैं।
पारा शिक्षकों को मानदेय वृद्धि नहीं चाहिए। उन्हें हर हाल में वेतनमान ही चाहिए। इसके लिए पारा शिक्षकों ने राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन करने का फैसला किया है।
यही नहीं, एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा को राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित इस नियमावली के कई अन्य बिंदुओं पर भी आपत्ति है।
मोर्चा की राज्य इकाई के सदस्य बिनोद बिहारी महतो, संजय कुमार दुबे, ऋषिकेश पाठक, प्रमोद कुमार, दशरथ ठाकुर, मोहन मंडल, प्रद्युम्न कुमार सिंह (सिंटू) ने संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि नियमावली में मानदेय वृद्धि के प्रावधान से पारा शिक्षक असंतुष्ट हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य के ज्यादातर पारा शिक्षकों में सिर्फ मानदेय वृद्धि के प्रस्तावित प्रावधान को लेकर असंतोष है।
उन्होंने बताया कि वेतनमान पर पुनर्विचार को लेकर मोर्चा का शिष्टमंडल शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो से मिलेगा।
पारा शिक्षक वेतनमान की लंबे समय से की जा रही अपनी मांग से पीछे नहीं हटेंगे। मोर्चा की सभी जिला इकाई की 12 दिसंबर को हुई बैठक में बहुमत से निर्णय लिया गया है कि वेतनमान के लिए लोकतांत्रिक तरीके से संघर्ष किया जायेगा।
बैठक में फैसला लिया गया कि मोर्चा का शिष्टमंडल जल्द ही राज्य के शिक्षा मंत्री से मिलेगा। इस मुलाकात में शिष्टमंडल पारा शिक्षकों की भावना से शिक्षा मंत्री को अवगत कराते हुए उनसे वेतनमान पर पुनर्विचार का आग्रह करेगा।
उन्होंने बताया कि एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा को इस प्रस्तावित नियमावली के कई अन्य बिंदुओं पर भी आपत्ति है। उन्होंने कहा कि नियमावली के कई प्रावधान ऐसे हैं, जिससे पारा शिक्षकों का भविष्य ही खतरे में है। मोर्चा का शिष्टमंडल उन प्रावधानों पर भी शिक्षा मंत्री से बात करेगा।