लोहरदगा: लोहरदगा जिला के भंडरा प्रखंड क्षेत्र के तिलसिरी गांव में बीते रात जंगली हाथियों के झुंड ने जमकर तबाही मचायी।
हाथियों के झुंड ने किसी के खेत को रौंदा, किसी के घर को तोड़ा तो किसी के फसलों को बर्बाद किया। जिससे प्रखंड क्षेत्र के लोग रात भर दहशत में रहे।
बताया जाता है कि जंगली हाथियों का झुंड भरनो थाना क्षेत्र के अमलीया जंगल से रात लगभग साढ़े 9 बजे पहुंचा था। हाथियों ने तिलसिरी गांव में तबाही मचाने के बाद सुबह लगभग 5 बजे वापस अमलीया जंगल की ओर लौट गया।
इस दौरान गांव के लोग भय के वातावरण में रात जग्गा कर रात बिताए। ग्रामीणों में इतना भय था कि लोग अपने घरों में दुबके रहे। किसी ने भी हाथियों के झुंड को भगाने का प्रयास नहीं किया।
सुबह गांव में हाथी द्वारा नुकसान पहुंचाने की सूचना वन विभाग को प्रखंड मुख्यालय के थाना को एवं गांव के मुखिया को दी गई। लेकिन ना तो वन विभाग और ना ही प्रखंड एवं प्रशासन ही ग्रामीणों की सुध लेने गांव पहुंचे।
हाथियों के झुंड ने एंथोनी मिंज के खलिहान में रखा मक्का को बर्बाद किया। जिसके बाद आश्रिता मिंज के घर का दिवाल तोड़कर 2 बोरा चावल खा गया।
विजय लकड़ा के घर के पास केला को तोड़कर खाया एवं पौधों को बर्बाद किया। प्रमोद महतो के किराना दुकान का सेड तोड़कर घर में रखा धान खा गया।
निकोलस मिंज के दो घरों का दिवाल तोड़कर धान एवं चावल खा गया। अरविंद मिज के बागान में केला, अमरूद, आम के पौधों को बर्बाद किया एवं घर को तोड़कर यहां भी रखे चावल को खा गया।
विराज मिंज के घर को भी क्षति पहुंचाया। ग्रामीणों की मांग है कि वन विभाग ग्रामीणों की क्षति का आकलन करते हुए उन्हें मुआवजा दे। हाथी फिर से गांव की तरफ ना आए ऐसी व्यवस्था किया जाए।
स्थानीय ग्रामीण अरविंद मिंज, एंथोनी मिंज, प्रमोद महतो, विराज मिंज का कहना है कि हाथी के आने के बाद पूरे गांव के लोग भयभीत हो गए।
किसी ने भी हाथी को भगाने का प्रयास नहीं किया। लोग समूह बना कर हाथी को भगाने का प्रयास करते तो इतना भारी नुकसान नहीं होता।