अम्ल की चपेट में आ गया है झारखंड की कृषि भूमि का बड़ा रकबा

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, मिट्टी के अम्लीय होने के कारण पौधों और खाद्यान की उत्पादन क्षमता घट रही है अम्लीय मिट्टी के कारण पौधों में पोषक तत्वों की कमी हो गई है

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 Jharkhand Agricultural land Affected By Acid: कृषि विभाग (Agriculture Department) की ओर से जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है कि झारखंड की कृषि भूमि का बड़ा रकबा Acid की चपेट में आ गया है।

जारी रिपोर्ट के अनुसार, यहां के 16 जिलों की 59,249 हेक्टेयर कृषि भूमि अम्लीय हो गई है।

आंकड़ों के अनुसार, सबसे अधिक रांची और खूंटी को मिलाकर 7,698 हेक्टेयर, पश्चिमी सिंहभूम में 7,182 हेक्टेयर, गुमला में 5320 हेक्टेयर, गिरिडीह में 4941 हेक्टेयर, रामगढ़ और हजारीबाग को मिलाकर 5049 हेक्टेयर और दुमका में 4410 हेक्टेयर भूमि अम्लीय हो गई है।

उत्पादन क्षमता में आ रही गिरावट

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, मिट्टी के अम्लीय होने के कारण पौधों और खाद्यान की उत्पादन क्षमता घट रही है अम्लीय मिट्टी के कारण पौधों में पोषक तत्वों की कमी हो गई है।

कृषि विभाग के अनुसार, पौधों के मुख्य पोषक तत्वों नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटेशियम, सल्फर, कैल्शियम, मैग्नीशियम और ट्रेस तत्व मोलिब्डेनम की उपलब्धता कम होने से उत्पादन पर विपरित असर हो रहा है।

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7970 हेक्टेयर है सिंचिंत क्षेत्र

रिपोर्ट बताती है कि प्रदेश के सभी जिलों में पूर्ण रूप से सिंचिंत क्षेत्र 7970 हेक्टेयर ही है। इस हिसाब से 19,716.54 एकड़ ही पूर्ण रूप से सिंचिंत क्षेत्र के दायरे में है।

गौरतलब है कि झारखंड में 38 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि (Agricultural Land) है। इसमें सिर्फ 12 फीसदी कृषि भूमि पर ही सिंचाई की सुविधा उपलब्ध है। 26 से 27 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि पर होने वाली खेती वर्षा पर ही निर्भर करती है।

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