Major Train Accident Averted: मध्य प्रदेश के इंदौर में बुधवार को रेल हादसा (Train Accident) होने से टल गया। अम्बेडकर नगर (महू) से चलकर वैष्णोदेवी-कटरा (जम्मू) जाने वाली मालवा एक्सप्रेस (Malwa Express) के पहियों के ब्रेक चिपकने से चिंगारी के साथ धुआं निकलने लगा।
यह देख यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। हालांकि, समय रहते धुएं को काबू कर लिया गया। जानकारों का कहना है कि ट्रेन की रफ्तार धीमी थी, इसलिए बड़ा हादसा नहीं हो पाया। अगर ट्रेन की रफ्तार तेज होती तो कोच पलटने का खतरा था।
मालवा एक्सप्रेस बुधवार को महू से रवाना होकर इंदौर आ रही थी। रेल अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन महू से इंदौर तक 21 किलोमीटर की दूरी धीरे-धीरे तय करती है।
इसी दौरान राजेंद्र नगर के पास ट्रेन के पहिए चिपक गए। घर्षण होने पर यात्रियों ने बाहर की तरफ देखा तो ट्रेन के एसी कोच के पहियों से चिंगारी निकल रही थी और थोड़ी देर में धुआं भी निकलने लगा। यात्रियों ने इसकी सूचना ट्रेन मैनेजमेंट को दी। इसके बाद राऊ के पास ट्रेन को रोका गया।
यार्ड से तकनीकी विभाग के इंजीनियर पहुंचे और फायर एस्टिंग्विशर से पहियों पर गैस डाली। ट्रेन कुछ देर तक राजेंद्र नगर यार्ड में खड़ी रही। इसके बाद ट्रेन को धीरे-धीरे इंदौर स्टेशन पर लाया गया। यहां करीब 40 मिनट तक मरम्मत का काम चला। इसके बाद ट्रेन को गंतव्य की ओर रवाना किया गया।
घटना को लेकर रेलवे के तकनीकी जानकार नागेश नामजोशी का कहना है कि लगातार ऐसा हो रहा है। मेंटेनेंस में लापरवाही हो रही है। ट्रेन को सर्टिफाइड किया जाता हैए तब पटरी पर दौड़ती है।
यदि ट्रेन स्पीड में है और एक पहिया रिस्पॉन्ड नहीं करता है या जाम हो जाता है तो कोच के पलटने का खतरा रहता है। मालवा एक्सप्रेस में बार-बार पहिए जाम होने, ब्रेक चिपकने की बात सामने आ रही है। अफसरों को इस पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।
20 दिन पहले भी ऐसी ही घटना मालवा एक्सप्रेस में हुई
इस बाबत रेलवे PRO खेमराज मीणा ने कहा कि पहिए जाम होने पर स्पार्क होता है। राऊ के स्टेशन मास्टर ने इसे देखा था। राजेंद्र नगर के यार्ड पर ब्रेक को रिलीज कर दिया गया।
जांच करने के बाद ट्रेन को यहां से रवाना कर दिया गया है। ट्रेन ज्यादा से ज्यादा 10 मिनट रुकी होगी। मेंटेनेंस होता है, जांच करके ही चलाते हैं। लापरवाही जैसी कोई बात नहीं है।
गौरतलब है कि करीब 20 दिन पहले भी ऐसी ही घटना मालवा एक्सप्रेस (Malwa Express) में हुई थी। तब भी पहियों के ब्रेक चिपकने से चिंगारी निकली थी। सीहोर के पास पचामा स्टेशन पर यात्रियों ने चेन पुलिंग कर रेल कर्मचारियों को जानकारी दी थी। इसके बाद सीहोर स्टेशन पर गाड़ी को जांच कर रवाना किया गया था।
वहीं, छह महीने पहले मालवा एक्सप्रेस की कपलिंग टूट गई थी। इससे ट्रेन दो हिस्सों में बंटकर रुक गई थी। घटना शुजालपुर के पास बेरछा स्टेशन पर हुई थी। ट्रेन यहां करीब दो घंटे तक खड़ी रही। यहां कपलिंग को ठीक कर ट्रेन को रवाना किया गया था।