इंदौर (मध्यप्रदेश): दिल्ली और मुंबई के मुख्य रेल मार्ग पर एक चरवाहे ने दो दिन पहले अपनी सूझ-बूझ से बड़ा रेल हादसा टाल दिया।
पश्चिम रेलवे के रतलाम रेल मंडल ने इस काम के लिए चरवाहे की प्रशंसा करते हुए उसे बुधवार को 5,000 रुपये की नकद पुरस्कार राशि और प्रशस्ति-पत्र से सम्मानित किया।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि राकेश बारिया नाम के चरवाहे ने 21 फरवरी (सोमवार) को गुजरात के दाहोद जिले में एक स्थान पर टूटी पटरी देखने के बाद लाल कपड़े को झंडी की तरह लहराकर मालगाड़ी रुकवा दी जिससे बड़ा हादसा टल गया था।
उन्होंने बताया कि इस बात की जानकारी मिलने पर मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) विनीत गुप्ता ने बारिया को अपने रतलाम स्थित कार्यालय में आमंत्रित कर 5,000 रुपये के नकद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया।
गुप्ता द्वारा जारी प्रशस्ति पत्र में कहा गया कि अगर बारिया ने सूझ-बूझ और तत्परता से मालगाड़ी को नहीं रुकवाया होता, तो यह गाड़ी गंभीर हादसे की शिकार हो सकती थी।
सम्मान के बाद बारिया ने बताया,‘‘मैंने दो दिन पहले बकरियां चराने के दौरान देखा कि एक स्थान पर रेल पटरी टूटी हुई थी। मैं पटरी के किनारे एक किलोमीटर तक दौड़ा। लेकिन मुझे वहां रेलवे का कोई भी कर्मचारी नजर नहीं आया।’’
बारिया (30 वर्षीय) ने बताया,‘‘फिर मैंने अपने पिता को फोन कर रेल पटरी टूटी होने की जानकारी दी। उन्होंने कुछ रेल कर्मियों से फोन पर संपर्क की कोशिश की लेकिन संपर्क नहीं हो सका।
बारिया ने बताया कि अपने पिता की सलाह पर वह तुरंत घर गए और वहां से लाल कपड़ा लेकर दोबारा रेल पटरी के पास पहुंचे। उन्होंने बताया कि जिस स्थान पर रेल पटरी टूटी थी, मैंने उससे करीब दो किलोमीटर आगे जाकर लाल कपड़े को झंडी की तरह लहराना शुरू कर दिया और तभी वहां आ रही एक मालगाड़ी के ड्राइवर ने इसे देखकर आपातकालीन ब्रेक लगाया व गाड़ी रोक दी।
बारिया ने बताया कि इसके बाद रेल पटरी की मरम्मत का काम शुरू हो गया। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग के संबंधित स्थान पर रेल की टूटी पटरी सुधार दी गई है। उन्होंने बताया कि इस व्यस्त मार्ग पर करीब 125 यात्री ट्रेनें और मालगाड़ियां हर रोज गुजरती हैं।