लखनऊ: अयोध्या में शुक्रवार को दीपोत्सव 2020 के भव्य आयोजन ने लोगों को त्रेता युग में वनवास के बाद अपनी नगरी लौटे भगवान राम की याद दिला दी।
खासतौर से राम की पैड़ी पर शाम होते ही लाखों दीपों के प्रज्वलित होने से सरयू की मनमोहक छटा देखने लायक थी।
ऐसा लगा कि मानों आज ही राम अपने धाम लौटे हैं और अयोध्यावासी जश्न मना रहे हैं। उल्लास के वातावरण के बीच ऐसा लगा, मानो अयोध्या कह रही हो, ‘रघुकुल तिलक सुजन सुखदाता। आयउ कुसल देव मुनि त्राता।’
यानी रघुकुल के तिलक, सज्जनों को सुख देने वाले और देवताओं तथा मुनियों के रक्षक राम सकुशल आ गए। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं दीपोत्सव के ऐतिहासिक क्षणों के साक्षी बने।
अगले वर्ष 7.51 लाख दीप किए जाएंगे प्रज्वलित
प्रदेश सरकार के मुताबिक चतुर्थ दीपोत्सव में 5,84,572 दीपों के प्रज्वलन का रिकार्ड बनाया गया। इससे पहले 2019 में दीपोत्सव कार्यक्रम में राम की पैड़ी पर एक साथ 4.10 लाख दीप जलाने का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया गया था।
2018 के दीपोत्सव में 3.31 लाख दीप प्रज्वलित किए गए थे। साल दर साल दीपों की संख्या में वृद्धि के साथ अब अगले वर्ष 7.51 लाख दीप प्रज्वलित किए जाएंगे।
राम के काम में किसी के साथ अन्याय नहीं, सबके लिए न्याय
दीपोत्सव कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सम्बोधन में कहा कि जहां-जहां प्रभु श्रीराम के चरण पड़े, हम उन सभी जगहों को वैश्विक पटल पर पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करके पर्यटकों को भारत की प्राचीन परम्परा और संस्कृति के साथ जोड़ने का कार्य करेंगे।
राम के काम में किसी के साथ अन्याय नहीं है। सबके लिए न्याय है। कोरोना का खतरा नहीं होता तो ये कार्यक्रम और विशाल होता।
रामराज की आदर्श अवधारणा को किया चरितार्थ
उन्होंने कहा कि जहां एक ओर पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने कोरोना के खिलाफ मजबूती के साथ लड़ाई लड़ी है।
प्रधानमंत्री ने देशवासियों से एक ही आह्वान किया है- हमें कोरोना से प्रत्येक नागरिक का बचाव भी करना है और कोरोना को परास्त भी करना है।
रामराज की आदर्श अवधारणा को चरितार्थ करने वाले देश के प्रधानमंत्री के इस आह्वान को क्रियान्वित करने का इससे अच्छा पावन दिवस और क्या हो सकता है, जब प्रभु श्रीराम के अयोध्या आगमन के अवसर पर अयोध्या धाम में जगह-जगह दीपोत्सव का आयोजन हो और हम सब इसमें सहभागी बन रहे हों।
अयोध्या आने पर लोग कहते थे विकास नहीं राम मंदिर चाहिए
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते वर्ष तक वह स्वयं जब भी अयोध्या आते थे, संत और भक्त इसी को लेकर आग्रह करते थे।
जब भी वह मंच पर खड़े होकर विकास कार्यों के साथ अयोध्या को जोड़ने के लिए आते थे तो एक ही आवाज आती थी, ‘योगी जी काम की बात मत करो अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करो।’
आपने धैर्य का परिचय दिया और उसका परिणाम है कि आज राम मंदिर का निर्माण हो रहा है।
अपने आराध्य का भव्य मंदिर निर्माण देखने की लोगों की थी इच्छा
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्षों से देशवासियों और पूरी दुनिया में फैले भारत भक्तों की इच्छा थी की वह आराध्य भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण कार्य को अपनी आंखों से एक बार देख लेते।
उनकी यह अभिलाषा प्रधानमंत्री मोदी के कारण सफल हुई है। प्रधानमंत्री की प्रेरणा और मार्गदर्शन से भारत और पूरी दुनिया आज पांच सदी का संकल्प पूरा होते हुए देख रही है।
कोरोना कालखंड में कोविड-19 के सभी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए प्रधानमंत्री स्वयं अयोध्या धाम पधारे और अपने कर कमलों से प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण कार्य का शुभारंभ किया।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अयोध्या की ब्रांडिंग पर दिया जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम दीपोत्सव भगवान श्रीराम के द्वारा सत्य, धर्म और न्याय की लड़ाई जीतने के बाद अयोध्या आगमन की स्मृति में मनाते हैं।
हमें दीपोत्सव के इस भव्य आयोजन को अयोध्या धाम के माध्यम से देश और दुनिया तक पहुंचाना है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अयोध्या की ब्रांडिंग हो।
दीपावली का आयोजन हर भारतवासी, जहां वह दुनिया में कहीं भी हो, मनाता है। वह दीपोत्सव के साथ जोड़कर अपने जन्म और जीवन के गौरव की अनुभूति करता है।
पहली बार जाति, क्षेत्र, भाषा, मजहब योजना का आधार नहीं
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से पूरे देश को एक ऐसे रामराज की प्रतीक्षा थी जिसमें व्यक्ति-व्यक्ति के बीच में जाति, मत, धर्म, संप्रदाय के नाम पर किसी प्रकार का भेदभाव न हो।
2014 में आजादी के बाद पहली बार किसी सरकारी योजना को चलाने का आधार जाति, क्षेत्र, भाषा, मत, मजहब न बनकर गांव, किसान, नौजवान, महिलाएं और समाज का प्रत्येक तबका बना।
अयोध्या को दुनिया की सबसे खूबसूरत वैदिक नगरी बनाने की परिकल्पना
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की परिकल्पना है कि अयोध्या को दुनिया की सबसे खूबसूरत वैदिक नगरी के रूप में प्रस्तुत किया जाए। मैं इस कार्य के लिए विशेष रूप से अयोध्यावासियों और यहां उपस्थित संतों से आशीर्वाद लेने आया हूं।
उन्होंने कहा कि आज अयोध्या में राजा श्री दशरथ मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य पूर्ण होने की कगार पर है।
इस मेडिकल कॉलेज से अयोध्यावासियों को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं अयोध्या में ही उपलब्ध हो जाएंगी।
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की मान्यता के अनुरूप अयोध्या को कोरिया, थाईलैंड, नेपाल आदि से एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के माध्यम से जोड़ा जाएगा। पहले सरकारें पंच कोसी, चौरासी कोसी परिक्रमाओं को रोकती थीं।
आज की सरकार इस यात्रा में शामिल होने वाले लोगों की सुविधा के लिए काम कर रही है।
राम की पैड़ी का किया विस्तार, सरयू की धारा हुई अविरल-निर्मल
पिछले तीन वर्षों में आपको राम की पैड़ी में परिवर्तन देखने को मिला होगा। पहले राम जी की पैड़ी में गंदा पानी जमा रहता था। भक्तगण आचमन नहीं कर पाते थे। आज राम जी की पैड़ी का विस्तार किया गया है।
सरयू की धारा को अविरल और निर्मल बना दिया गया है। इस साल 5.51 लाख दीपक जगमगा रहे हैं। अगले वर्ष यह आंकड़ा 7.51 लाख पहुंचने वाला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दिन सामाजिक और राष्ट्रीय जीवन में हम सबको प्रतिदिन देखने का अवसर प्राप्त हो, मैं प्रभु श्रीराम से यही प्रार्थना करता हूं। उन्होंने सभी को दीपावली के अवसर पर मंगलमय शुभकामनाएं दी।
सरकार लगातार दीपोत्सव के अवसर पर आ रही अयोध्या
मुख्यमंत्री ने अयोध्या के विकास में जल शक्ति विभाग और लोक निर्माण विभाग समेत सभी संबंधित विभागों के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि संत महंत नृत्य गोपाल दास अस्वस्थता के कारण यहां नहीं आए हैं।
उनके उत्तराधिकारी कमल नयन दास जी यहां आए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार लगातार दीपोत्सव के अवसर पर अयोध्या आ रही है। जब हम सरकार में आए थे तो यह प्रस्ताव सुनकर ही अधिकारी भौंचक्के रह जाते थे कि सरकार अयोध्या जाएगी।
रामलला के ऑनलाइन दर्शन को वेबसाइट लॉन्च
अयोध्या दीपोत्सव को संबोधित करने के बाद मुख्यमंत्री ने राम की पैड़ी में आरती की। उन्होंने दीपोत्सव के रूप में राम की पैड़ी में दीप जलाए।
मुख्यमंत्री ने कोविड-19 के कारण दीपोत्सव में श्रीरामलला विराजमान के साक्षात दर्शन न कर पाने वाले श्रद्धालुओं के लिए https://virtualdeepotsav.com वेबसाइट को भी लॉन्च किया।
सभी भक्त वेबसाइट पर जाकर वर्चुअल दीप जलाकर प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने आज राज्यपाल के साथ विशेष डाक आवरण व विरूपण भी जारी किया।
रामलला के दर्शन पूजन, श्रीराम व सीता स्वरूप की अगवानी
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी ने राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल के साथ श्रीराम के जीवन दर्शन पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि परिसर में श्रीरामलला विराजमान के दर्शन-आरती की और उनके समक्ष पहला दिया जलाकर दीपोत्सव का शुभारम्भ किया।
उन्होंने हेलीपैड से अवधपुरी पधारे भगवान श्रीराम, माता सीता, भ्राता लक्ष्मण और राम भक्त, पवनपुत्र हनुमान जी के प्रतीक स्वरूपों की अगवानी की और आरती उतारी।
आसमान से होती पुष्पवर्षा, जय श्री राम के नारों से गुंजायमान रामकथा पार्क में राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक किया। इस दौरान रामनगरी में त्रेता युग जीवंत हो उठा।
इस दौरान उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, पर्यटन-धर्मार्थ और संस्कृति मंत्री डा. नीलकंठ तिवारी सहित मंत्रिमंडल के अन्य सदस्य भी मौजूद रहे।