नई दिल्ली: दिल्ली आबकारी नीति मामले (Delhi Excise Policy Matters) में ED ने अपनी दूसरी चार्जशीट में आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा MP संजय सिंह (Sanjay Singh) का नाम भी शामिल किया है। ED ने चार्जशीट में कहा कि अरुण पिल्लई (Arun Pillai) के सहयोगी अभिषेक बोइनपल्ली बुचि बाबू थे।
विजय नायर ने समीर महेंद्रु से कहा था कि अरुण और इसका सहयोगी ग्रुप दिल्ली शराब नीति (Delhi Liquor Policy) में निवेश करने के लिए बेहद उत्सुक था। क्योंकि इस समूह के पास बहुत ज़्यादा पैसा, राजनैतिक संबंध और अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) से दोस्ती थी।
विजय नायर ने समीर महेंद्रु और केजरीवाल के बीच पहली मीटिंग अरेंज कराई
समीर महेंद्रू ने विजय नायर की विश्वसनीयता को परखने के लिए विजय नायर से केजरीवाल से मीटिंग कराने के लिए कहा था, जिसके बाद विजय नायर ने समीर महेंद्रु और केजरीवाल के बीच पहली मीटिंग अरेंज कराई थी।
शुरुआत में राज्यसभा MP संजय सिंह से मुलाकात हुई, जिसके बाद वह दिल्ली के उप CM मनीष सिसोदिया से एक पार्टी में संपर्क में आया।
82 लाख रुपये दिया था पार्टी को फंड
ED ने अपनी चार्जशीट में कहा कि दिनेश अरोड़ा (Dinesh Arora) ने बताया कि संजय सिंह के कहने पर उसने दिल्ली (Delhi) के कई रेस्टोरेंट्स के मालिकों से 82 लाख रुपये अरेंज करके Manish Sisodia को पार्टी फंड के लिए दिया, जिसका इस्तेमाल दिल्ली चुनाव में किया गया।
ED ने अपनी चार्जशीट में कहा कि दिनेश अरोड़ा ने अपने बयान में कहा उसकी तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से 5-6 बार बात हुई और संजय सिंह के आवास पर CM अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) से एक बार उसकी मुलाकात भी हुई थी।
चार्जशीट में आया राघव चड्ढा का नाम
आबकारी नीति मामले (Excise Policy Matters) में ED की सप्लीमेंट्री चार्जशीट में ‘आप’ के राज्यसभा MP राघव चड्ढा का नाम आया है। ED की चार्जशीट के अनुसार मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के PA सी. अरविंद ने अपने बयान में राघव चड्ढा का नाम लिया है।
चार्जशीट के अनुसार सी. अरविंद ने अपने बयान में कहा कि डिप्टी CM मनीष सिसोदिया के आवास पर एक बैठक हुई थी, जिसमें राघव चड्ढा , पंजाब के एक्साइज कमिश्नर, आबकारी अधिकारी और विजय नायर मौजूद थे।
राघव चड्ढा की प्रतिक्रिया आई सामने
राघव चड्ढा (Raghav Chadha) ने इस मामले पर कहा कि सबसे पहले मैं ये साफ करना चाहता हूं कि सुबह से जो भी रिपोर्ट किया जा रहा है, वो ग़लत और भ्रमात्मक है।
ED की चार्जशीट (Chargesheet) में मेरा नाम गवाह या आरोपी के नाम पर नहीं है, लेकिन फिर भी सुबह से मेरा नाम चलाया जा रहा है जो कि तथ्यात्मक ग़लत है, मेरे नाम और छवि को खराब कराने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
मैं इस मामले में ना गवाह हूं, ना ही आरोपी, मेरा पक्ष जाने बिना ऐसी खबर चलाई गई, इसके पीछे राजनीतिक कारण (Political Reasons) है। एक किसी बैठक का जिक्र है कि मैं वहां था।
लेकिन मैं सभी को एक बार फिर से बताना चाहूंगा कि यह सिर्फ और सिर्फ एक चाल है, मैं ना तो गवाह हूं और ना ही आरोपी तो फिर मेरा नाम क्यों उछाला जा रहा है।