Chandigarh Mayor Election: चंडीगढ़ मेयर चुनाव (Chandigarh Mayor Election) को लेकर Supreme Court ने अहम फैसला सुना दिया है। शीर्ष अदालत ने मेयर चुनाव में पड़े वोटों की दुबारा से गिनती का आदेश दिया है।
चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच ने बैलेट पेपर्स की जांच के बाद कहा कि जिन 8 वोटों को अवैध घोषित किया गया था, वे आप Candidate कुलदीप कुमार के पक्ष में पड़े थे। इस तरह चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी का मेयर बनने का रास्ता साफ हो गया है।
सुप्रीम कोर्ट में मामले पर दिलचस्प सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने वकीलों और पर्यवेक्षकों को बैलेट पेपर दिखाकर कहा कि जिन 8 बैलेट पेपर्स को अवैध घोषित किया गया था, उसमें से सभी पर कुलदीप के लिए मुहर लगाई गई थी।
अदालत ने कहा कि अनिल मसीह ने इन Ballot Papers पर लाइन खींच दी थी। अदालत ने पूछा कि आखिर जब कोई गड़बड़ी थी ही नहीं, तब फिर आपने इन्हें अवैध घोषित कर लाइन क्यों खींच दी। इस पर मसीह के वकीलों ने कहा कि वोटिंग के दौरान माहौल खराब हो गया था। इसके बाद मसीह को लगा कि शायद ये लोग बैलेट पेपर्स में कोई गड़बड़ी कर रहे हैं और उन्हें लेकर भाग रहे हैं।
इसके बाद मसीह ने Ballot Papers को छीनकर उन पर क्रॉस का निशान बनाकर अवैध घोषित किया। हालांकि शीर्ष अदालत उनके इस तर्क से संतुष्ट नहीं दिखी। बता दें कि मेयर चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी के तीन पार्षद BJP का दामन थाम चुके हैं। इसके बाद यदि दुबारा चुनाव होता हैं, तब भाजपा का ही मेयर बन सकता था।
लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने पुराने वोटों को ही दुबारा गिनने को कह दया है और 8 अवैध घोषित वोटों को सही माना है। इस कारण नए सिरे से वोटों की गिनती में चंडीगढ़ में आप का मेयर बनने का रास्ता साफ हो गया है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पहले ही मेयर चुने गए भाजपा के कैंडिडेट मनोज सोनकर ने इस्तीफा दे दिया है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने चंडीगढ़ महापौर चुनाव मामले में फैसले के लिए उच्चतम न्यायालय (Supreme court) को धन्यवाद देकर कहा कि अदालत ने इस कठिन समय में लोकतंत्र को बचाया है।
न्यायालय ने कहा कि वह चंडीगढ़ के महापौर पद के लिए हुए विवादास्पद चुनाव में पड़े मतों की दुबारा गिनती करने और आठ विरूपित मतपत्रों पर विचार करने के बाद परिणाम घोषित करने का निर्देश देगा। निर्वाचन अधिकारी ने उन आठ विरूपित मतपत्रों को अवैध (illegal) करार दिया था। Kejrival ने पोस्ट में कहा, इस कठिन समय में लोकतंत्र को बचाने के लिए उच्चतम न्यायालय को धन्यवाद।