नई दिल्ली: कर्नाटक अथॉरिटी आफ एडवांस रूलिंग (AAR) ने कहा है कि इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) में इस्तेमाल होने वाली बैटरी चार्ज करने पर 18 प्रतिशत वस्तु एवं सेवा कर (GST) लगना चाहिए।
चामुंडेश्वरी इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Chamundeshwari Electricity Supply Corporation Limited) से जुड़े एक मामले की सुनवाई के बाद AAR ने कहा कि कंपनी को इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) की अनुमति दी जानी चाहिए।
न्यायालय के सामने यह मामला था कि क्या बैटरी चार्जिंग वस्तु (Battery Charging Kit) की आपूर्ति है या सेवा की आपूर्ति। वस्तु की आपूर्ति के मामले में कोई GST नहीं लगता है और सेवा की आपूर्ति में 18 प्रतिशत GST का प्रावधान है।
यह नियम उन लोगों के लिए नकारात्मक है, जो बैटरी चार्जिंग इकाई स्थापित करना चाहते हैं, अगर इसे न्यायालय के आदेश की नजीर के रूप में देखा जाए, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ कंपनियां इसे सकारात्मक ले सकती हैं, क्योंकि ITC उपलब्ध है।
वाहन चार्जिंग शुल्क एकत्र करने के लिए इनवाइस जारी करेगी
अगर शून्य GST लगाया जाता है तो चार्जिंग स्टेशन (Charging Station) बनाने और बिजली की आपूर्ति जैसे इनपुट पर भुगतान किए गए कर पर ITC नहीं दिया जाएगा।
चामुंडेश्वरी इलेक्ट्रिसिटी ने इलेक्ट्रिक दोपहिया एवं चार पहिया वाहनों के लिए सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन (Public Charging Station) स्थापित करने की योजना बनाई। कंपनी ने कहा कि वह इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग शुल्क एकत्र करने के लिए इनवाइस जारी करेगी।
इसमें दो घटक हैं, खपत हुई बिजली का शुल्क और चार्जिंग स्टेशन (Electricity Charges and Charging Stations) द्वारा उपलब्ध कराई गई सेवाएं। कंपनी ने जानना चाहा था कि क्या दोनों को सेवा की आपूर्ति के रूप में देखा जाएगा या बिजली शुल्क को वस्तुओं की आपूर्ति के रूप में।