न्यूज़ अरोमा रांची: खूंटी जिले में गत सोमवार की रात को एक नाबालिग आदिवासी बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना की जांच करने भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश स्तरीय टीम शुक्रवार को खूंटी पहुंची l प्रदेश की जांच टीम पीड़िता से मिलने उसके घर पहुंची।
लेकिन घर पहुंचने पर पता चला कि उसे कर्रा थाना लाया गया है। परिजनों ने घटना के बारे में बताया कि घटना पिछले सोमवार 30 नवंबर की है।
जब वो अपनी सहेलियों के साथ मेला देख कर घर लौट रही थी। लौटने के क्रम में रास्ते में पांच युवकों द्वारा जबरन अगवा कर दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया l
परिजनों ने कहा कि सोमवार रात से लेकर बुधवार शाम तक बच्ची थाना में रही l बुधवार की रात को उसे घर पहुंचाया गया l उसके बाद जांच टीम कर्रा थाना पहुंचीl थाना पहुंचने पर पता चला कि बच्ची को मेडिकल कराने के लिए खूंटी ले जाया गया है l
कर्रा थाना प्रभारी से मुलाकात नहीं हो पाई लेकिन मामले की पड़ताल कर रहे एक सर्किल इंस्पेक्टर से मुलाकात हुई जिन्होंने बताया कि बच्ची को मेडिकल के लिए खूंटी ले जाया गया है जब जांच टीम ने पूछा कि मेडिकल दुष्कर्म की घटना के बाद त्वरित होती है।
लेकिन इतना विलम्ब से मेडिकल करने का क्या औचित्य है, तब संबंधित अधिकारी ने कहा कि कोर्ट के आदेश पर पुनः मेडिकल कराया जा रहा है।
जब टीम ने जानना चाहा कि बच्चे के नाबालिग होने पर क्या उसे बाल कल्याण समिति खूंटी के समक्ष प्रस्तुत किया गया, ताकि उसकी सुरक्षा और काउंसलिंग किया जा सके।
इस संबंध में दूरभाष पर थाना प्रभारी से बात करने पर उनका कहना था कि बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करने की जवाबदेही उसकी नहीं है बल्कि बाल कल्याण समिति की ही है।
उसने इस संबंध में बाल कल्याण समिति को तीन-तीन बार सूचना दिया लेकिन वे थाना आकर बच्ची से बयान नहीं लिया है l पुलिस अधीक्षक खूंटी से दूरभाष पर बात कर पीड़िता से मिलने और किसकी अद्यतन स्थिति के बारे में जानकारी हासिल करने पर उनका कहना था कि बहुत जल्दी ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
बच्ची से मिलने की बाबत पूछने पर उनका कहना था कि कोर्ट के आदेश से आज उसका मेडिकल होने के कारण मुलाक़ात कराने में असमर्थता बताते हुए किसी और दिन मुलाकात कराने की बात कही l
बच्ची नाबालिग है और ऐसी परिस्थिति में बच्ची को सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत करना होता है। लेकिन बच्चे को सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत ना कर घर भेज देना, उसके पूर्व तीन दिनों तक थाने में रखना,बार-बार बच्ची को मेडिकल के लिए ले जाना,उसे बिना सुरक्षा के सुदूरवर्ती गांव में छोड़ देना, बच्चे की काउंसलिंग ना कराना पुलिस की कार्यशैली पर संदेह उत्पन्न करता है।
नाबालिग के मामले में खूंटी पुलिस प्रशासन ने लापरवाही बरती है। भाजपा प्रदेश जांच टीम ने झारखंड सरकार से आरोपियों को अविलंब गिरफ्तार करते हुए, पोक्सो अधिनियम के तहत जांच करने की मांग की है ।
जांच टीम अपनी जांच रिपोर्ट भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, संगठन महामंत्री केंद्रीय नेतृत्व राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को सौंपेगी। जांच टीम में भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष आरती कुजूर, सिमडेगा की पूर्व विधायक डॉ विमला प्रधान, प्रदेश की मंत्री काजल प्रधान, पिंकी खोया,डॉ सीमा सिंह शामिल थे।