Case of Getting Government Job : उत्तर प्रदेश के एटा में अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। यहां फर्जी तरीके से सरकारी नौकरी (Government Job) करने का मामला सामने आया है।
मामला खुलने के कई सालों के बाद शासन ने कलेक्ट्रेट में तैनात 30 सरकारी कर्मचारियों पर बड़ी कार्रवाई की है। 90 के दशक से जिला कलेक्ट्रेट में नौकरी (Job in Collectorate) कर रहे दो दर्जन से ज्यादा कर्मचारियों पर कार्रवाई हुई है।
झूठे आदेश पर नौकरी कर रहे चार कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है। वहीं, तीन कर्मचारियों की मौत (Employees Death) हो चुकी है। पांच सेवानिवृत कर्मियों ने तो जांच की फाइलों को ही गायब कर दिया। 17 रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन रोकते हुए सेवाकाल और इसके बाद लिए गए सभी भुगतानों की रिकवरी के आदेश दिए गए हैं।
एटा के कलेक्ट्रेट में 1993 और 1995 में 30 सीजनल सहायक वासिल बाकी नबीसों को विनियमित कर लिपिक बनाया गया था।
कर्मचारियों का विनियमित वाला फर्जी आदेश फर्जी पाया गया
उस समय में स्थानीय स्तर पर ही नौकरी मिल जाती थी और कर्मचारी के काम का आकलन करके नौकरी को आगे नियमित भी कर लिए जाता था। जब नौकरियों में गड़बड़ी की शिकायत पर मामले की जांच शुरू हो गई तो प्रकरण ऊपर तक जाने पर एसआईटी का गठन किया गया।
एसआईटी की जांच में 90 के दशक में हुई भर्ती में कई कमियां सामने आईं। इसी तरीके से ये सभी 30 लोग नौकरी पर रखे गए थे। कर्मचारियों ने फर्जी तरीके से उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद का विनियमित किए जाने झूठा आदेश भी बनवा लिया और तत्कालीन जिलाधिकारी को सौंप दिया।
इसके बाद इन सबको बाबू बना दिया गया और सभी कर्मचारी विनियमित कर दिए गए। कई लोगों ने मामले की शिकायत की तो SIT की जांच शुरू हो गई। जांच के दौरान कई कर्मचारियों ने नीचे से ऊपर तक सिफारिशों का सिलसिला शुरू कर दिया। SIT की जांच के आधार पर इन सभी कर्मचारियों का विनियमित वाला फर्जी आदेश (Regulated Fake Order) फर्जी पाया गया।