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झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक ने डीईओ व डीएसई को भेजा पत्र
बोकारो: अगर किसी स्कूल में टैबलेट या बायोमीट्रिक सिस्टम उपलब्ध कराया गया है, इसके बावजूद वहां के पारा टीचर्स द्वारा उस पर अटेंडेंस नहीं बनाया जा रहा है तो अब यह लापरवाही महंगी पड़ने वाली है। जी हां, झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला शिक्षा अधीक्षक को भेजे गए पत्र के तहत ऐसे लापरवाह पारा टीचर्स पर अब कार्रवाई होने वाली है।
निर्देश के मुताबिक, टैबलेट और बायोमीट्रिक उपलब्ध होने के बावजूद अनुशासनहीनता एवं स्वेच्छाचारिता का परिचय देते हुए जो पारा शिक्षक अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करते हों उनके विरुद्ध कार्रवाई होगी। वैसे पारा शिक्षकों के मानदेय भुगतान के लिए पीएफएमएस पाेर्टल पर अपलोड करने से पूर्व जिला शिक्षा अधीक्षक सह अपर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को उन शिक्षकों का वर्तमान में बायोमीट्रिक रजिस्टर्ड होने की जांच भी करनी होगी।
गूगल शीट पर दोबारा आंकड़ों की मांग
इधर, गूगल शीट पर सभी कोटि के सरकारी स्कूलों के विद्यालयवार स्वीकृत बल, कार्यरत बल, नामांकन आदि की जो प्रविष्टि भेजी गई थी, वो सही आंकड़ा नहीं था। इसलिए, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की ओर से पुन: गूगल शीट पर आंकड़ों की मांग की गई है।
27 अगस्त को ही पत्र, नहीं भेजी है सही जानकारी
विभाग की ओर से 27 अगस्त को ही पत्र जारी कर गूगल शीट पर प्रविष्टि की मांग की गई थी, लेकिन किसी भी जिले की प्रविष्टि में सही आंकड़े नहीं भरे गए हैं। गूगल सीट पर जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय के स्थापना लिपिक जिनके प्रभार में विद्यालयवार स्वीकृत इकाई बल का कार्य है, उसमें उसका नाम एवं किस तिथि से उक्त प्रभार में पदस्थापित हैं, उनका ब्यौरा जल्द से जल्द उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। गूगल शीट पर विद्यालय कोटिवार, स्वीकृत इकाई, कुल नामांकन, विद्यालय किस जोन में है, उसकी शुद्ध प्रविष्टि भरने का काम सुनिश्चित किया जाए। वर्ग एक से पांच एवं वर्ग छह से आठ के लिए विद्यालयवार स्वीकृत इकाई प्रत्येक जिले में संधारित है।
इसी आधार पर टीचर्स की हुई है नियुक्ति
विदित हो कि इसी आधार पर काउंसेलिंग के माध्यम से शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। साथ ही वर्ग एक से पांच एवं वर्ग 6 से 8 के लिए विद्यालयवार शिक्षक इकाइयाें का वितरण जिला प्रारंभिक शिक्षा समिति द्वारा किया जाता है। स्वीकृत इकाई की शुद्धता के लिए समिति की कार्यवाही को भी आधार बनाया जा सकता है।