नई दिल्ली: अर्थव्यवस्था के मोर्चे (Economy Front) पर सरकार को राहत देने वाली खबर है। एशियाई विकास बैंक (ADB) ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 7 फीसदी पर बरकरार रखा है।
हालांकि, ADB ने एशिया की विकास की रफ्तार पहले के मुकाबले कुछ कमजोर रहने का अनुमान जताया है।
ADB ने बुधवार को जारी ताजा रिपोर्ट में कहा कि वैश्विक स्तर पर प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था 7 फीसदी की दर से वृद्धि करेगी, जिसकी वजह उसकी मजबूत घरेलू बुनियाद है।
ADB ने चालू वित्त वर्ष (अप्रैल 2022 से मार्च 2023) के लिए आर्थिक वृद्धि दर 7 फीसदी का अनुमान जताया है। ADB का ये ताजा अनुमान सितंबर के समान ही है।
एशियाई विकास बैंक (Asian Development Bank) ने वित्त वर्ष 2023-2024 के लिए भी GDP वृद्धि के अनुमान को 7.2 फीसदी पर अपरिवर्तित रखा है।
ADB ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इस वर्ष एशिया 4.2 फीसदी की दर से बढ़ेगा जबकि वर्ष 2023 में उसकी वृद्धि की दर 4.6 फीसदी रहने का अनुमान है।
हालांकि, ADB ने पहले इस वर्ष एशिया की वृद्धि दर 4.3 फीसदी और वर्ष 2023 में 4.9 फीसदी रहने का अनुमान जताया था।
रेटिंग्स एजेंसियों ने चालू वित्त वर्ष के लिए वृद्धि दर नीचे रहने का अनुमान जताया
ADB ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत में चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर) के बीच GDP 6.3 फीसदी की दर से बढ़ी है, जो सार्वजनिक खपत में 4.4 फीसदी के संकुचन को दर्शाता है जबकि वैश्विक स्तर पर नरमी के बावजूद निर्यात 11.5 फीसदी की दर से बढ़ा।
उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए GDP वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6.8 फीसदी कर दिया है।
इससे पहले फिच सहित कई रेटिंग्स एजेंसियों (Ratings agencies) ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 7 फीसदी से नीचे रहने का अनुमान जताया है। हालांकि, वित्त वर्ष 2021-22 में देश की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर 8.7 फीसदी रही थी।