मेदिनीनगर: विश्रामपुर धान क्रय केंद्र में किसानों से नहीं बल्कि व्यापारियों से खरीदा जा रहा था धान।
इस मामला के संज्ञान में आते ही उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी शशि रंजन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी विश्रामपुर को मामले की जांच का निर्देश दिया।
19 फरवरी को प्रखंड विकास पदाधिकारी विश्रामपुर ने धान क्रय केंद्र का औचक निरीक्षण किया।
जांच के क्रम में मौके पर मौजूद एमओ से पूछताछ पर पता चला कि धान का क्रय, एसएमएस द्वारा प्राप्त लाभुकों के नाम का मिलान आधार कार्ड से करके ही धान का क्रय किया जाता है।
इस दौरान वहां उपस्थित तीन किसानों के द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा लाए गए धान के क्रय में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई है।
इसके उपरांत प्रखंड विकास पदाधिकारी ने धान क्रय पंजी का जांच किया, जिसमें पता चला कि अब तक कुल 185 किसान लाभुकों से धान का क्रय किया जा चुका है।
धान क्रय केंद्र पर वर्तमान में धान रखने के लिए पर्याप्त स्थान एवं व्यवस्था पाया गया एवं वहां पर मौजूद एमओ से पूछने पर पता चला कि धान का क्रय समय अनुसार किसानों से किया जा रहा है।
प्रखंड विकास पदाधिकारी ने उक्त धान क्रय केंद्र पर मजदूरों से भी बात की।
बात करने पर पता चला कि किसानों द्वारा उक्त केंद्र पर लाए गए धान को तोलने, उसे बोरी में पैक करने एवं बोरी के सिलाई इत्यादि करने के लिए एमएलसी ठेकेदार द्वारा किसी प्रकार का राशि का भुगतान इन मजदूरों को नहीं किया जाता है।
उन्हें सिर्फ तैयार किए गए प्रत्येक बोरी को वाहन में रखने के एवज में मात्र ₹2 प्रति बोरी का भुगतान किया जाता है।
ठेकेदार के द्वारा पैसे नहीं दिए जाने के कारण इस धान अधिप्राप्ति केंद्र में कार्यरत मजदूरों के द्वारा किसानों से अतिरिक्त रुपए लिए जाने का मामला प्रकाश में आया है।
इस संदर्भ में धान क्रय केंद्र में मौजूद पांच मजदूरों से लिखित बयान भी लिया गया है।