नई दिल्ली: प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने कहा कि भारतीय वन सेवा के अधिकारी संजीव चतुर्वेदी की ओर से केंद्र सरकार (Central Government) के मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतों पर हुई कार्रवाई का Details मांगने का मकसद दबाव बनाना है।
पीएमओ में डिप्टी सेक्रेटरी प्रवीण कुमार ने ये बातें हलफनामा के जरिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को दी हैं।
हलफनामा (Affidavit) में कहा गया है कि संजीव चतुर्वेदी जो सीधे तरीके से हासिल नहीं कर सकते थे, वे इस याचिका को दाखिल कर हासिल करना चाहते हैं।
2014 के बाद कितना काला धन लाया गया।
संजीव चतुर्वेदी (Sanjeev Chaturvedi) ने 2017 में सूचना के अधिकार के तहत आवेदन देकर केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार (Corruption) की शिकायतों पर की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी है।
उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत यह भी पूछा है कि 2014 के बाद कितना काला धन लाया गया।
PMO ने इन सूचनाओं को देने से इनकार करते हुए कहा था कि ये सूचनाएं नहीं दी जा सकती हैं क्योंकि वे सूचना की परिभाषा के तहत नहीं आती हैं।
केंद्रीय मंत्रियों (Union Ministers) के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतों पर कार्रवाई का Details जुटाने से संसाधनों का नुकसान होगा।
PMO ने काला धन के मामले के जवाब में कहा कि अभी इसमें जांच चल रही है इसलिए सूचना नहीं दी जा सकती है।
31 जनवरी 2020 को कोर्ट ने प्रधानमंत्री कार्यालय को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।
संजीव चतुर्वेदी की ओर से वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने याचिका दायर कर कहा है कि 2014 से 2017 के दौरान इन शिकायतों और उन पर की गई कार्रवाई की जानकारी सार्वजनिक करने का निर्देश सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को दे।