रांची : आज से लगभग डेढ़ माह पहले राजधानी रांची के लोअर बाजार इलाके के आफताब को अगवा कर लिया गया था। अब यह तथ्य सामने आया है कि उसकी हत्या कर दी गई थी। इस मामले में लोअर बाजार थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
वह नंबर प्लेट का काम करता था। जेल से रिमांड पर आए अपराधियों से पूछताछ के बाद आफताब का कंकाल पिठोरिया घाटी में मिला है। पुलिस ने उसका कंकाल शुक्रवार को बरामद किया था।
पैसों के लेनदेन में की गई हत्या
पुलिस के अनुसार, अपराधियों ने पैसे की लेन देन की वजह से घटना को अंजाम दिया था। इस वारदात को बंटी यादव, कामरान जाफरी उर्फ युसूफ, सद्दाम, विशाल उर्फ गुल्ली व एक अन्य ने मिलकर अंजाम दिया था।
इस बात का खुलासा तब हुआ जब पुलिस ने अपराधी बंटी, युसूफ और सद्दाम को रिमांड पर लेकर पूछताछ की। पुलिस के अनुसार बंटी, युसूफ और सद्दाम बाइक चोरी के केस में पहले से ही जेल में बंद थे।
पहले से जेल में बंद थे बंटी और सद्दाम
अपराधी बंटी यादव और सद्दाम पहले से ही रांची जेल में बंद थे। पांच नवंबर को अपराधी युसूफ भी बाइक चोरी के केस में जेल गया. वहां पर पहले से मौजूद गिरोह के सदस्य बंटी और सद्दाम से उसकी मुलाकात हुई। आपस में तीनों आफताब की हत्या की बात करने लगे। यह भी कहा कि अब तक उसका शव नहीं मिला है। सेल में मौजूद पुलिस का गुप्तचर को इसकी जानकारी मिल गई।
जेल प्रशासन की मदद से लोअर बाजार पुलिस घटना की जानकारी मिली जिसके बाद पुलिस ने तीनों अपराधियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की। इसके बाद मामले का खुलासा हुआ।