वॉशिंगटन: अमेरिका में भीड़ हत्या (मॉब लिंचिंग) को अब घृणित अपराध माना जाएगा।राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस बाबत एक विधेयक पर हस्ताक्षर किए हैं।
इसमें नस्लवादी लिंचिंग को संघीय घृणित अपराध माना गया है। इस अपराध को शुद्ध आतंकवाद की श्रेणी में रखा गया है। इस अपराध के दोषी को 30 साल तक की सजा हो सकती है।
इस विधेयक का नाम 14 वर्षीय अफ्रीकी अमेरिकी एम्मेट टिल के नाम पर रखा गया है। 1950 के दशक में टिल की हत्या से पूरा अमेरिका दहल गया था। अमेरिका में नागरिक अधिकारों के लिए आंदोलन की जोरदार शुरुआत हुई थी।
अगस्त 1955 में दक्षिणी राज्य मिसिसिपी में रिश्तेदारों से मिलने गए टिल का अपहरणकर हत्या कर दी गई थी। उसका क्षत-विक्षत शव तीन दिन बाद स्थानीय नदी में मिला था।
यह घटना तब घटित हुई थी, जब एक श्वेत महिला कैरोलिन ब्रायंट ने आरोप लगाया कि उसने एक स्टोर में प्रपोज किया और उसे हाथ और कमर को स्पर्श किया।
बेटी की हत्या से आहत मां ने कहा था कि टिल के अवशेषों को एक खुले ताबूत में रखकर प्रदर्शित किया जाए ताकि दुनिया यह देख सके कि उसके बच्चे के साथ क्या हुआ। टिल की हत्या के आरोपितों को एक श्वेत जूरी ने बरी कर दिया था।
अमेरिका के राष्ट्रपति ने मंगलवार को रोज गार्डन में आयोजित समारोह में इस विधेयक पर हस्ताक्षर किए।
बाइडन के साथ उप राष्ट्रपति कमला हैरिस और अग्रणी अश्वेत पत्रकार और लिंचिंग विरोधी प्रचारक इडा बी वेल्स की परपोती मिशेल डस्टर शामिल हुईं। इस दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि लिंचिंग शुद्ध आतंक है।
बाइडेन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा-‘मैंने अभी-अभी ‘एम्मेट टिल एंटी-लिंचिंग एक्ट’ कानून पर हस्ताक्षर किए हैं, जो कि देश में भीड़ हत्या को एक घृणा अपराध बनाता है।
‘ उन्होंने कहा कि अमेरिका में नस्लीय नफरत कोई पुरानी समस्या नहीं है, लेकिन यह समस्या लगातार बनी हुई है।
हैरिस ने चेतावनी दी कि लिंचिंग अतीत का अवशेष नहीं है। आतंक के नस्लीय कृत्य अभी भी हमारे देश में होते हैं।
सीनेट ने इस महीने की शुरुआत में सर्वसम्मति से विधयेक पारित किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका में 1882 से 1968 के बीच भीड़ 4,743 लोगों की हत्या कर चुकी है।