नई दिल्ली: दिल्ली के कथित शराब घोटाला मामले में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (K. Chandrasekhar Rao) की बेटी कविता (Kavita) भी फंसती जा रहीं हैं। जांच एजेंसी ने उन्हें 9 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन अब वो 11 मार्च को पेश होंगी।
पूछताछ को बताया राजनीतिक उत्पीड़न
कविता ने एक बयान जारी कर कहा, मुझे ये समझ नहीं आ रहा है कि इतने शॉर्ट नोटिस (Short Notice) पर समन क्यों जारी किया? ऐसा लगता है कि जांच के नाम पर राजनीतिक मकसद छिपे हुए हैं। ये और कुछ नहीं बल्कि राजनीतिक उत्पीड़न है।
ED ने हैदराबाद के काराबोरी अरुण रामचंद्रन पिल्लई को गिरफ्तार किया था। पिल्लई को दिल्ली शराब नीति में कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार (Irregularities And Corruption) के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। पिल्लई पर कविता के लिए एक कंपनी में फ्रंटमैन के तौर पर काम करने का आरोप है।
आखिर क्या है पूरा मामला?
– ED ने कुछ दिन पहले हैदराबाद के कारोबारी अरुण रामचंद्रन पिल्लई (Arun Ramachandran Pillai) को गिरफ्तार किया था। पिल्लई दिल्ली के कथित शराब घोटाले में आरोपी है।
– ED की चार्जशीट में कविता का नाम है। उनपर आरोप है कि उनके पास शराब कंपनी इंडोस्पिरिट्स (Liquor Company Indospirits) में 65 फीसदी हिस्सेदारी है। इस मामले में पिछले साल 11 दिसंबर को भी पूछताछ की गई थी।
– प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली की शराब नीति में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money Laundering Cases) में कविता को समन जारी किया है।
– कारोबारी पिल्लई ने ED को पूछताछ में बताया था कि तेलंगाना की MLC के. कविता और आम आदमी पार्टी के बीच एक सौदा हुआ था।
– पिल्लई ने दावा किया था कि सौदे के तहत 100 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ था और इससे कविता की कंपनी इंडोस्पिरिट्स (Company Indospirits) को दिल्ली के शराब कारोबार में एंट्री मिली थी।
– पिल्लई ने बताया था कि वो कविता की कंपनी इंडोस्पिरिट्स को रिप्रेजेंट करता था और उनका पार्टनर था। उसने ये भी बताया था कि पार्टनर बनने के जरिए इन्वेस्टमेंट की व्यवस्था भी उसने ही की थी।
– उसने बताया कि ओबेरॉय मेडेंस (Oberoi Maidens) में एक मीटिंग हुई थी, जिसमें उसके अलावा कविता, विजय नायर और दिनेश अरोड़ा भी मौजूद थे। इस मीटिंग में दी गई रिश्वत की वसूली पर चर्चा की गई थी।
– ED के समन को कविता ने ‘राजनीतिक उत्पीड़न’ बताया है। कविता ने कहा कि CM चंद्रशेखर राव और भारत राष्ट्र समिति (CM Chandrasekhar Rao and Bharat Rashtra Samithi) केंद्र सरकार के इन हथकंडों से डरने वाले नहीं हैं।
– उन्होंने कहा कि तेलंगाना कभी भी दिल्ली के जनविरोधी शासन के आगे नहीं झुकेगा। उन्होंने कहा, मैं दिल्ली में बैठे सत्ता के सौदागरों को बता दूं कि तेलंगाना दमनकारी और जनविरोधी शासन (Anti-People Rule) के आगे न कभी झुका है और न झुका है। हम लोगों के हक के लिए बिना डरे और मजबूती से लड़ेंगे।
– वहीं, तेलंगाना के कृषि मंत्री एस. निरंजन रेड्डी (S. Niranjan Reddy) ने आरोप लगाया कि कविता को समन जारी करना की कार्रवाई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अडानी मुद्दे पर चुप क्यों है? ED, CBI और Income Tax इसकी जांच क्यों नहीं करती है?
– कई सारे विपक्षी नेता केंद्रीय जांच एजेंसियों (Central Investigative Agencies) के दायरे में हैं। इसलिए विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार पर जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाती रहतीं हैं।
जांच एजेंसियों की छवि बिगाड़ने का आरोप
कुछ दिन पहले ही नौ राजनीतिक पार्टियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को एक पत्र लिखा था और इसमें केंद्र सरकार (Central government) पर जांच एजेंसियों की छवि बिगाड़ने का आरोप लगाया था।
इस पत्र में लिखा था कि 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद कई सारे विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार किया जा रहा है, केस दर्ज किया जा रहा है, उनके यहां छापे मारे जा रहे हैं या फिर पूछताछ की जा रही है।
बीजेपी में शामिल होते ही जांच हो जाती है धीमी
इस चिट्ठी में विपक्षी पार्टियों ने ये भी आरोप लगाया कि जैसे ही कोई BJP में शामिल हो जाता है, वैसे ही उसके खिलाफ जांच धीमी हो जाती है। विपक्षी पार्टियों ने ये चिट्ठी मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के विरोध में लिखा था।
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को हाल ही में कथित शराब घोटाले के मामले में CBI ने गिरफ्तार किया है। इसी मामले में D भी उनसे पूछताछ कर रही है।