देहरादून: उत्तराखण्ड कांग्रेस प्रभारी देवेन्द्र यादव ने कहा कि कांग्रेस चुनाव हारी है, हिम्मत नहीं।
जनता की ओर से दिया गया जनादेश शिरोधार्य है। होली बाद पराजय के कारणों को लेकर समीक्षा की जाएगी।
उन्होंने पार्टी नेताओं और पदाधिकारियों को सोशल मीडिया पर अनावश्यक बयानबाजी से परहेज की सलाह दी है।
उत्तराखण्ड कांग्रेस प्रभारी देवेन्द्र यादव ने एक जारी बयान में कहा कि कांग्रेसजनों ने पूरे मनोयोग से चुनाव अभियान में भाग लिया और पार्टी के मत प्रतिशत को बीते चुनाव की तुलना में बहुत ऊंचा पहुंचाया है।
पार्टी के प्रदेश से लेकर गांव स्तर के कार्यकर्ता ने जिस समर्पण के साथ काम किया, उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए कम होगी।
कार्यकर्ता बधाई के पात्र हैं। एक ओर अपार धन बल का बोलबाला था और दूसरी ओर हमारे कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत थी।
सभी कार्यकर्ताओं ने पूरे उत्साह से चुनाव अभियान में भागीदारी की लेकिन हम उच्च मत प्रतिशत हासिल करने के बावजूद लक्ष्य प्राप्त नहीं कर पाए।
यह हमारे लिए चिन्तन का विषय है और होली के बाद तमाम पहलुओं पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि साल 2017 में कांग्रेस को 33.5 फीसदी मत मिले थे, यह इस बार बढ़कर 37.91 फीसदी हो गया। अफ़सोस यह है कि प्रदेश में पार्टी का मत प्रतिशत तो बढ़ा लेकिन उस अनुपात में सीटें नहीं बढ़ी।
यह हमारे लिए आत्मचिन्तन का विषय है। जहां कमियां रह गई उन्हें दूर करने का भरसक प्रयास किया जाएगा। पार्टी के तमाम लोगों से कहा है कि वे मनोबल बनाये रखें।
प्रदेश प्रभारी ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से आग्रह किया है कि हार के कारणों की समीक्षा से पहले सार्वजनिक रूप से बयानबाजी से परहेज करें, अन्यथा इसे अनुशासनहीनता की श्रेणी में माना जाएगा।
पार्टी नेता सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर किसी तरह की टिप्पणी करने के बजाय पार्टी के मंच पर अपनी बात रखें।
सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म पर टिप्पणी से सिर्फ और सिर्फ हमारे विरोधियों को ही फायदा होगा। इस तरह के प्रयास से पार्टी को लाभ के स्थान पर नुकसान ही होता है।
उन्होंने इस सलाह का पालन करने की सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं से विनम्र अपील भी की है।