इंफाल : हिंसा प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर (Violence-Hit Northeastern Atate of Manipur) के दौरे पर आए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने शुक्रवार को नागरिक समाज संगठन के सदस्यों से मुलाकात की और उनकी परेशानियों को सुना।
राहुल गांधी ने नागरिक समाज संगठन ‘कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी’ (COCOMI), मणिपुर में नागा समुदाय की शीर्ष संस्था ‘यूनाइटेड नागा काउंसिल’, ‘शेड्यूल्ड ट्राइब डिमांड कमेटी’ के प्रतिनिधियों और JNU के प्रोफेसर बिमोल ए. सहित प्रमुख हस्तियों से मुलाकात की।
दो शिविरों का राहुल ने दौरा किया
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि दिन में उनके राज्यपाल अनुसुइया उइके से मिलने की संभावना है, लेकिन इसकी स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की गई है। इससे पहले सुबह राहुल गांधी ने मोइरांग शहर में दो राहत शिविरों में प्रभावित लोगों से मुलाकात कर उनकी व्यथा सुनी थी।
गांधी सुबह इंफाल से Helicopter में सवार होकर मोइरांग पहुंच थे। पार्टी के सूत्रों ने बताया कि मोइरांग शहर के जिन दो शिविरों का राहुल ने दौरा किया, वहां करीब 1000 लोग रहते हैं।
राहुल गांधी के साथ मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह, पार्टी महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल, PCC अध्यक्ष कीशम मेघचंद्र सिंह और पूर्व सांसद अजय कुमार थे।
कांग्रेस नेता स्थानीय समुदायों को सांत्वना देने के लिए मणिपुर की दो दिवसीय यात्रा पर
मोइरांग में INA (आजाद हिन्द फौज) ने 1944 में भारतीय तिरंगा फहराया था। पार्टी सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी दिन में इंफाल में कुछ बुद्धिजीवियों तथा नागरिक संगठनों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात करेंगे।
राहुल ने बृहस्पतिवार को चुराचांदपुर में राहत शिविरों (Relief Camps) का दौरा किया था, जो जातीय दंगों से सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों में से एक है।
जातीय हिंसा (Ethnic Violence) से प्रभावित मणिपुर के चुराचांदपुर में राहत शिविरों के राहुल गांधी के दौरे को लेकर बृहस्पतिवार को उस वक्त नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला, जब कांग्रेस नेता के काफिले को पुलिस ने बीच रास्ते में ही रोक दिया और उन्हें अपने गंतव्य तक हेलीकॉप्टर से जाना पड़ा। कांग्रेस नेता स्थानीय समुदायों को सांत्वना देने के लिए मणिपुर की दो दिवसीय यात्रा पर हैं।
गौरतलब है कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय (Meitei and Kuki community) के बीच मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ (‘Tribal Solidarity March’) के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं।
मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों (Tribal Communities) की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है।