नई दिल्ली: केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और उनकी पत्नी श्रीमती नूतन गोयल को दिल्ली हार्ट एंड लंग इंस्टीटयूट, नई दिल्ली में कोविड-19 टीके-वैक्सीन (कोवैक्सिन) की दूसरी खुराक इंजेक्शन के रूप में दी गई।
इन दोनों को 28 दिन पहले 02 मार्च, 2021 को इस वैक्सीन की पहली खुराक दी गई थी।
हाल में ही 45 वर्ष से अधिक आयु के हर व्यक्ति को टीका लगाने के लिए किए गए निर्णय के सन्दर्भ में उन्होंने हर उपयुक्त पात्र व्यक्ति से इस टीके को लगवाने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा कि ‘पहली खुराक लेने के बाद से हमें अभी तक इससे ज़रा सी परेशानी नहीं हुई।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने इस अवसर पर टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभावों (एईएफआई) की निगरानी के लिए निर्धारित प्रक्रिया के प्रावधानों का विस्तृत विवरण भी दिया और कहा कि टीका लगवाने वाले लाभार्थियों एईएफआई के दुष्प्रभावों का अनुपात लगभग नगण्य है।
उन्होंने दृढ़ता पूर्वक कहा कि ‘’सभी टीके (वैक्सीन) सुरक्षित, संक्रमण से मुक्त और प्रभावकारी हैं।”
उन्होंने कुछ मामलों में टीकाकरण के बाद कोरोना से संक्रमित होने के बारे में पत्रकारों की चिंताओं का निराकरण करते हुए कहा कि “ऐसे मामले लगभग नगण्य और दुर्लभ हैं।
शरीर में रोग प्रतिरक्षण के लिए एंटीबॉडीज का निर्माण होने में टीकों की दूसरी खुराक लेने के बाद दो सप्ताह का समय लगता है। ऐसे में इस अवधि में सक्रमण होने की सम्भावना बनी रहती है।
हमने इसी को देखते हुए सभी से उचित कोविड व्यवहार का कड़ाई से पालन करने का परामर्श दिया था और इसका टीकाकरण की प्रक्रिया से कोई संबंध नहीं है।“
उन्होंने कहा कि कोविड वैक्सीन ले चुके व्यक्तियों में संक्रमण का स्तर बहुत ही हल्का होता है और यह आगे विकसित नहीं हो पाएगा।
सोशल मीडिया पर टीके –वैक्सीन के बारे में चल रही अफवाहों और दुष्प्रचार को स्वास्थ्य मंत्री महोदय ने समाज के लिए कष्टकारी कहा; उन्होंने लोगों से व्हाट्सएप की बजाय विज्ञान पर भरोसा करने के लिए कहा।