नई दिल्ली: ब्रिटेन में सामने आए कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के बाद क्या वैक्सीन के नए सिरे से परीक्षण की जरूरत होगी और मौजूदा टीका कारगर होगा या नहीं।
क्या नए मरीजों में बेतहाशा इजाफे के साथ इससे मौतें भी बढ़ेंगी, इसको लेकर सवाल उठने लगे हैं।
एक समाचार चैनल से लंदन यूनिवर्सिटी के वैक्सीन वालंटियर डॉक्टर विक्रम तलौलिकर ने कहा ‘ नया स्ट्रेन तेजी से फैलता है। हालांकि इससे ज्यादा जानलेवा अभी नहीं कहा जा सकता।
लेकिन ज्यादा संक्रामक होने के कारण अस्पताल में भर्ती होने के मामले बढ़ सकते हैं। इससे देशों के स्वास्थ्य सिस्टम पर दबाव बढ़ सकता है। आने वाले एक-दो हफ्ते में जाकर पता चलेगा कि यह कितना खतरनाक रूप लेगा।’
तलौलिकर ने कहा कि वायरस के अब तक हजारों म्यूटेशन सामने आ चुके हैं, लेकिन यह वायरस तेजी से इंसानों को संक्रमित कर सकता है, जो चिंताजनक बात है।
उन्होंने कहा कि लगता है कि नए स्ट्रेन को लेकर नई तरह से वैक्सीन बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, फाइजर, मॉडर्ना की की वैक्सीन इसमें कारगर हो सकती है, लेकिन आगे और परीक्षण की जरूरत पड़ेगी। उन्होंने कहा ‘अगर वायरस का और ज्यादा म्यूटेशन होता है तो नई वैक्सीन की जरूरत पड़ सकती है।
फ्लू में भी हर साल नया रूप देखने को मिलता है और वैक्सीन का विकास होता रहता है। वैक्सीन निर्माताओं ने भी ध्यान में रखा है कि वायरस बहुत सारे रूप (म्यूटेशन) धारण करता है औऱ इसी के अनुसार टीके को तैयार किया गया है।’