नई दिल्ली: कोरोना संकट के चलते राष्ट्रीय कौशल विकास कारपोरेशन (एनएसडीसी) ने डिजिटल माध्यम से कौशल विकास कार्यक्रमों को प्राथमिकता देनी शुरू कर दी है।
इसी कड़ी में एनएसडीसी की मीडिया एंड एंटरटेनमेंट काउंसिल (एमईएससी) ने डिजिटल माध्यम से पेशेवरों को प्रशिक्षण देने वाली संस्था डिजिविद्यापीठ के साथ समझौता किया है।
डिजिविद्यापीठ उद्योग जगत की जरूरतों के अनुसार आनलाइन पाठ्यक्रम तैयार करेगी ,जिन्हें एमईएससी मान्यता प्रदान करेगी।
हाल में एमईएससी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मोहित सोनी एवं डिजिविद्यापीठ के प्रबंध निदेशक प्रदीप खत्री के बीच इस बाबत एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।
डिजिविद्यापीठ शुरूआती चरण में डिजिटल मीडिया मार्केटिंग तथा मोबाइल जर्नलिज्म जैसे कोर्स शुरू करेगी जो मौजूदा पेशेवरों के कौशल में विकास करेंगे तथा उन्हें आधुनिक जरूरतों के अनुरूप तैयार करेंगे।
बाद में अन्य क्षेत्रों में भी नए कोर्स आरंभ किए जाएंगे।
इस मौके पर मोहित सोनी ने कहा कि डिजिविद्यापीठ युवाओं के करियर को भावी जरूरतों के अनुरूप आकार देने में सक्षम है।
रोजगार के क्षेत्र भविष्य में युवाओं के करियर में जो चुनौतियां आएंगी उनका समाधान डिजिविद्यापीठ ने निकाला है।
डिजिविद्यापीठ के प्रबंध निदेशक (एमडी) प्रदीप खत्री ने कहा कि एमईएससी के साथ मिलकर कार्य करना उनके लिए गौरव का विषय है।
इससे उन्हें कौशल विकास मिशन और डिजिटल भारत मिशन जैसे कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए ज्यादा परिश्रमम करने की प्रेरणा प्राप्त होगी।
बता दें कि सरकार ने कौशल विकास मिशन के तहत 2022 हर साल 12 लाख लोगों के कौशल विकास का लक्ष्य रखा है। लेकिन कोरोना संकट के चलते यह क्षेत्र भी प्रभावित हुआ है।
इसलिए अब डिजिटल माध्यम से कौशल विकास कार्यक्रमों को गति देकर लक्ष्य हासिल किया जाएगा।