लखनऊ: मुस्लिम समुदाय के लोगों के पर्सनल लॉ से जुड़े मसलों पर विभिन्न अदालतों में चल रहे मामलों को सुलझाने में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) मदद करेगा।
इसके लिए बोर्ड ऑनलाइन संवाद की श्रृंखला आयोजित करेगा।
यह विचार पहली बार 2017 में एआईएमपीएलबी की सदस्य डॉ. अस्मा जेहरा ने दिया था लेकिन इसे मंजूरी हाल ही में कार्यकारी परिषद की बैठक में दी गई।
परिषद के सभी 45 सदस्यों ने इस पर सहमति जताई है कि धार्मिक विषयों पर एआईएमपीएलबी द्वारा उठाए गए कानूनी रुख के बारे में जनता को जानकारी मिले।
लोगों को कानूनी सलाह देने के लिए आयोजित की जा रही इस सीरीज का कोआर्डिनेटर डॉ. जेहरा को ही बनाने का निर्णय लिया गया।
जेहरा के अनुसार, कई लोग अपने मसलों को सुलझाने के लिए बोर्ड से सवाल पूछते हैं। साथ ही कई ऐसे विशेष कानूनी मुद्दे जिनमें बोर्ड शामिल होता है, उन्हें लेकर बोर्ड से उसका रुख पूछा जाता है।
हम चाहते हैं कि इन प्रश्नों के सही जबाव दिए जाएं और ये काम वकीलों और बोर्ड की कानूनी समिति के सदस्यों द्वारा किया जाए। ताकि इन मसलों पर लोगों की भ्रातियां दूर की जा सके।
इन वेब सीरीज में सीधे संवाद होगा। दर्शक सवाल पूछेंगे और लीगल पैनल इनका जबाव देगा।
हाल के तीन तलाक मुद्दे का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, बुद्धिजीवी वर्ग और आम लोग, दोनों ही इस विषय पर बोर्ड की राय जानना चाहते हैं और यह वेब सीरीज इस पर भी चर्चा करेगी।
विरासत, बाल हिरासत, शादी की उम्र और अल्पसंख्यक अधिकारों जैसे कई मामले हैं जिन पर संविधान में क्या कहा गया है, इस पर भी चर्चा की जाएगी। यह भविष्य के लिए एक रेफरेंस की तरह काम करेगा।