नई दिल्ली: भारत ने शुक्रवार को एयर मिसाइल (क्यूआरएसएएम) का परीक्षण किया जो सतह से हवा में 30 किमी. दूर तक विमान को मार सकने में सक्षम है।
वायु रक्षा प्रणाली के लिए यह परीक्षण ओडिशा के बालासोर उड़ान परीक्षण रेंज से किया गया।
मिसाइल ने परीक्षण के दौरान सीधे अपने लक्ष्य को मारा।
डीआरडीओ ने इसके साथ ही विकासात्मक परीक्षणों को पूरा कर लिया है। अब जल्द ही सेना और वायु सेना को सौंपने से पहले इस मिसाइल प्रणाली का उपयोगकर्ता परीक्षण शुरू किया जाएगा।
क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल्स (क्यूआरएसएएम) एक कॉम्पैक्ट हथियार प्रणाली है जिसमें दो चार दीवार वाले राडार शामिल हैं, जिसमें लॉन्चर के अलावा, सक्रिय सरणी बैटरी निगरानी रडार और सक्रिय सरणी बैटरी बहुक्रिया रडार अर्थात 360 डिग्री कवरेज शामिल हैं।
डीआरडीओ के अनुसार यह मिसाइल प्रणाली बख़्तरबंद कॉलम को हवाई हमलों से बचाने के लिए विकसित की गई है।
संपूर्ण हथियार प्रणाली अत्यधिक मोबाइल प्लेटफार्मों पर कॉन्फ़िगर की गई है जो वायु रक्षा प्रदान करने में सक्षम है।
इसे सभी मौसम में इस्तेमाल किया जा सकता है जिसकी 30 किमी. की रेंज है। विकास परीक्षण पूरे होने के बाद अब अगले चरण में सेना और वायु सेना के साथ मिसाइल का परीक्षण किया जाएगा।
डीआरडीओ के अनुसार यह मिसाइल 15 किमी. की ऊंचाई पर मंडरा रहे हवाई लक्ष्य को मार सकती है।
इसे एक मोबाइल दो-वाहन प्रणाली से लॉन्च किया जाता है। लक्ष्यों को हासिल करने में इस मिसाइल की रडार मदद करता है। क्योंकि यह मोबाइल है, इसलिए दुश्मन के जवाबी हमले से बच सकता है।
यह मिसाइल रडार के सहयोग से एक साथ 100 लक्ष्यों को ट्रैक कर सकती है और 6 लक्ष्यों को एक साथ मार सकती है।
क्यूआरएसएएम का पहला परीक्षण 4 जून 2017 को किया गया था।
इससे पहले अक्टूबर में डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) ने ओडिशा तट से दूर स्टैंड ऑफ एंटी टैंक मिसाइल का परीक्षण किया था। यह लगभग 45 दिनों में किया गया 12वां मिसाइल परीक्षण था।