हैदराबाद : हैदराबाद की एक विशेष अदालत ने बुधवार को एआईएमआईएम नेता अकबरुद्दीन ओवैसी को कथित अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के मामले में बरी कर दिया।
सांसदों और विधायकों से संबंधित आपराधिक मामलों के ट्रायल के लिए गठित विशेष सत्र कोर्ट ने 2013 में निर्मल और निजामाबाद में उनके खिलाफ दर्ज दोनों मामलों में ओवैसी को बरी कर दिया।
अदालत को अकबरुद्दीन ओवैसी के खिलाफ अभद्र भाषा का कोई सबूत नहीं मिला, जो तेलंगाना विधानसभा में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता हैं।
एआईएमआईएम अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई अकबरुद्दीन को जब जज ने फैसला सुनाया, तो वह कोर्ट में मौजूद थे।
अकबरुद्दीन के खिलाफ 8 और 22 दिसंबर, 2012 को निर्मल और निजामाबाद में उनके कथित नफरत भरे भाषणों के संबंध में आदिलाबाद और निजामाबाद जिलों के दो पुलिस स्टेशनों में दो मामले दर्ज किए गए थे।
सोशल नेटवकिर्ंग साइट्स पर उनके भाषण वायरल होने के बाद एमआईएम नेता को 7 जनवरी 2013 को गिरफ्तार किया गया था।
उन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 153-ए (धर्म के आधार पर दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
40 दिन जेल में बिताने के बाद अदालत से जमानत मिलने के बाद वह रिहा हो गये।