Akhilesh Yadav Went Deoria : UP में देवरिया के फतेहपुर गांव में दो अक्टूबर को जमीन विवाद को लेकर छह लोगों की हत्या (Land Dispute Murder) कर दी गई थी।
घटना के बाद से जबरदस्त सियासत छिड़ी हुई है। सोमवार को समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) देवरिया पहुंचे तो गौरीबाजार लेकर गांव तक सपाई और पुलिस ही दिखाई दी।
बेटे देवेश दुबे ने अखिलेश यादव से मिलने से किया इनकार
इस बीच देवरिया नरसंहार में पत्नी, दो बेटियों और एक बेटे के साथ मारे गए सत्यप्रकाश दुबे के बेटे देवेश दुबे ने अखिलेश यादव से मिलने से इनकार कर दिया।
यही नहीं, खुद की जान-माल को खतरा बताते हुए सपा अध्यक्ष को रोकने के अनुरोध के साथ DM को लेटर भी लिख दिया।
सपा मुखिया अखिलेश यादव के देवरिया की सीमा खरोह पर दोपहर में 12:50 बजे पहुंचने से काफी पहले से सपाइयों की भारी भीड़ वहां जुटी हुई थी।
अखिलेश के देवरिया (Deoria) आगमन को देखते हुए गौरीबाजार के रामपुर चौराह से जिले की सीमा खरोह तक पुलिस बल तैनात किया गया था। चौराहे पर बैरिकेटिंग (Barricading) लगा कर पुलिस ने रुद्रपुर की तरफ जाने वाले वाहनों को रोक दिया था।
विभिन्न जिलों से पहुंचे सपा नेता भी जिले के नेताओं के साथ गौरीबाजार सेखरोह के मझना पुल तक जगह जुटने लगे थे। गोरखपुर-देवरिया मार्ग (Gorakhpur-Deoria Road) पर सपाईयों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए पुलिस चप्पे-चप्पे पर तैनात कर दी गई थी।
सपा मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) काफिले के साथ जिले की सीमा गौरीबाजार के खरोह पर दोपहर में 12.50 बजे पहुंचे। उन्होंने गाड़ी में से ही कार्यकर्ताओं का अभिवादन स्वीकार किया और रुद्रपुर के फतेहपुर के लिए रवाना हो गए।
उधर, आजमगढ़ और मऊ जिलों से से आए सपा कार्यकर्ताओं को बरहज पुलिस ने कपरवार पुलिस (Kaparwar Police) पिकेट पर ही रोक दिया था।
इससे नाराज सपा के पूर्व सांसद लालगंज दरोगा प्रसाद की अगुआई में बड़ी संख्या में सपाइयों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की। फिर पुलिस घेरा तोड़कर आगे बढ़ गए। पुलिस बेबस बनी देखती रह गई।
मनाई के बावजूद अखिलेश पहुंचे
मना करने के बावजूद अखिलेश यादव सत्यप्रकाश दुबे (Satya Prakash Dubey) के घर पहुंचे जहां परिवार का कोई सदस्य मौजूद नहीं मिला। अखिलेश यादव ने खाली घर को देखा और वहां रखे सत्यप्रकाश दुबे और अन्य मृतकों की तस्वीरों पर फूल चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वह प्रेमचंद यादव के घर की ओर चले गए।
दो अक्टूबर की घटना में पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव की भी हत्या (Murder) हो गई थी। वह सबसे पहले मारे गए थे। इसके बाद उनके समर्थकों की भीड़ ने दुबे परिवार पर हमला बोलकर तीन बच्चों समेत पांच लोगों को मौत के घाट उतार दिया था।