अखिलेश यादव अब BSP के दलित वोटबैंक पर करेंगे हमला!

सपा (SP) के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने कहा, BSP आज अपने संस्थापक कांशीराम और बाबासाहेब अम्बेडकर (Babasaheb Ambedkar) के दिखाए रास्ते से भटक गई है।

News Aroma Media
4 Min Read

लखनऊ: 2024 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में बहुजन समाज पार्टी (BSP) के साथ गठबंधन की उम्मीद छोड़कर समाजवादी पार्टी (SP) अब दलितों को लुभाने की पूरी कोशिश कर रही है।

पार्टी आगामी अंबेडकर जयंती (Ambedkar Jayanti) पर अपने अभियान की शुरूआत करेगी।अखिलेश यादव अब BSP के दलित वोटबैंक पर करेंगे हमला! Akhilesh Yadav will now attack the Dalit vote bank of BSP!

पार्टी सूत्रों के मुताबिक..

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) 3 अप्रैल को रायबरेली (Rae Bareli) में एक समारोह में बहुजन समाज पार्टी (BSP) के संस्थापक कांशीराम की प्रतिमा का अनावरण करेंगे।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, अपने संबोधन में अखिलेश BSP संस्थापक कांशीराम के 1993 में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के साथ गठबंधन को याद करेंगे और वर्तमान राजनीतिक परि²श्य (Political Scene) में ताकतों को एक साथ आने की जरूरत को रेखांकित करेंगे।अखिलेश यादव अब BSP के दलित वोटबैंक पर करेंगे हमला! Akhilesh Yadav will now attack the Dalit vote bank of BSP!

सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा

सपा (SP) के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने कहा, BSP आज अपने संस्थापक कांशीराम और बाबासाहेब अम्बेडकर (Babasaheb Ambedkar) के दिखाए रास्ते से भटक गई है।

- Advertisement -
sikkim-ad

कांशीराम और मुलायम सिंह यादव के अनुयायियों को राष्ट्र निर्माण (Nation Building) के लिए एक बार फिर हाथ मिलाने की तत्काल आवश्यकता है।

यह सामाजिक न्याय (Social Justice) के अपने विचार को आगे बढ़ाने का समय है जिसे दोनों नेताओं ने पहली बार 1993 में साझा किया था।अखिलेश यादव अब BSP के दलित वोटबैंक पर करेंगे हमला! Akhilesh Yadav will now attack the Dalit vote bank of BSP!

OBC-दलित गठजोड़ बन सकता है गेम चेंजर

सूत्रों के मुताबिक सपा नेतृत्व को लगता है कि कम से कम एक दर्जन लोकसभा क्षेत्रों में OBC-दलित गठजोड़ अपनी संख्या के बल पर गेम चेंजर (Game Changer) बन सकता है।

राजनीतिक गलियारों में इस कदम को 2022 के विधानसभा चुनावों में BJP के साथ खड़े गैर-जाटव दलितों को अपने पक्ष में करने और BSP के जाटव (Jatav) वोट आधार में सेंध लगाने की सपा की नवीनतम रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।

पार्टी की इस रणनीति का व्यापक ढांचा हाल ही में गठित पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति (National Executive Committee) में भी देखा गया, जहां समिति में 62 सदस्य जिसमें लगभग 35 प्रतिशत गैर-यादव OBC समुदायों से थे, विशेष रूप से पासी, कुर्मी, राजभर और निषाद जैसे चुनावी प्रभावशाली समुदायों से थे।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की सूची में कुल छह सदस्य दलित

राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की सूची में कुल छह सदस्य दलित थे।

इसके अलावा, अखिलेश अयोध्या के विधायक अवधेश प्रसाद (Awadhesh Prasad) को पार्टी के दलित चेहरे के रूप में प्रचारित कर रहे हैं।

नौ बार के विधायक न केवल राज्य विधानसभा में पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के बगल वाली सीट साझा करते हैं, बल्कि हाल ही में कोलकाता (Kolkata) में पार्टी की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान यादव के साथ मंच साझा करते हुए भी देखे गए।अखिलेश यादव अब BSP के दलित वोटबैंक पर करेंगे हमला! Akhilesh Yadav will now attack the Dalit vote bank of BSP!

अंबेडकर जयंती भव्य तरीके से मनाने को कहा गया

अखिलेश ने पार्टी में मिल्कीपुर विधायक (Milkipur MLA) के बढ़ते कद को रेखांकित करने के लिए कोलकाता जाने वाली Flight में अवधेश प्रसाद और शिवपाल यादव के साथ एक Selfie भी ट्वीट की।

सपा में उनके बढ़ते कद को अखिलेश द्वारा यह संदेश देने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है कि पार्टी दलितों को विशेष दर्जा देने को तैयार है।

2021 में अंबेडकर जयंती पर बाबासाहेब वाहिनी का गठन करने वाली सपा अब पार्टी के भीतर संगठन को मजबूत करने की योजना बना रही है।

वाहिनी को सभी जिलों में अंबेडकर जयंती भव्य तरीके से मनाने को कहा गया है।

Share This Article