Akhilesh Yadav’s big announcement:समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 2027 के विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ी घोषणा की है।
उन्होंने कहा कि सपा और कांग्रेस का गठबंधन इंडिया ब्लॉक के तहत मजबूती से जारी रहेगा और दोनों दल मिलकर उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को सत्ता से हटाएंगे। प्रयागराज में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अखिलेश ने यह बयान देते हुए BJP पर तीखा हमला बोला और कई गंभीर आरोप लगाए।
2027 में सपा की सरकार, PDA से BJP का अंत
अखिलेश ने दावा किया कि 2027 के विधानसभा चुनाव में सपा की सरकार बनेगी। उन्होंने कहा, “PDA (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) की ताकत BJP को उखाड़ फेंकेगी।” जब पत्रकारों ने इंडिया गठबंधन की स्थिति पर सवाल उठाया, तो अखिलेश ने स्पष्ट किया, “यह गठबंधन है और रहेगा। सपा और कांग्रेस मिलकर 2027 में उत्तर प्रदेश में BJP को हराएंगे।” उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि सपा ने 37 और कांग्रेस ने 6 सीटें जीतकर BJP को 43 सीटों का झटका दिया था, और अब यह गठबंधन और मजबूत होगा।
वक्फ कानून पर BJP को भू-माफिया करार
अखिलेश ने हाल ही में संसद से पारित वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर BJP पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि BJP इस कानून के जरिए अल्पसंख्यकों की जमीन हड़पना चाहती है। अखिलेश ने कहा, “BJP जहां भी जमीन देखती है, उसे कब्जा लेती है। यह पार्टी भू-माफिया की तरह काम कर रही है।” उन्होंने वक्फ संपत्तियों को लेकर BJP की मंशा पर सवाल उठाए और इसे अल्पसंख्यक विरोधी करार दिया।
महाकुंभ में कुप्रबंधन का आरोप, जांच का वादा
हाल ही में प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ को लेकर अखिलेश ने योगी सरकार पर कुप्रबंधन का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सपा की सरकार बनने पर महाकुंभ के दौरान हुई अनियमितताओं की गहन जांच होगी।
अखिलेश ने दावा किया कि भगदड़ में मारे गए लोगों की संख्या और वित्तीय लाभ के आंकड़ों को गलत तरीके से पेश किया गया। उन्होंने कहा, “जब ड्रोन और सीसीटीवी की सबसे ज्यादा जरूरत थी, तब वे या तो बंद थे या बंद कर दिए गए। यह संदेह पैदा करता है कि सरकार सच्चाई छिपाना चाहती थी।”
योगी को PM चेहरा बनाने की साजिश का दावा
अखिलेश ने एक सनसनीखेज दावा करते हुए कहा कि महाकुंभ को BJP ने धार्मिक आयोजन के बजाय राजनीतिक मंच बनाने की कोशिश की। उन्होंने कहा, “सूत्रों से पता चला है कि BJP की योजना थी कि महाकुंभ के दौरान CM योगी आदित्यनाथ को प्रधानमंत्री के चेहरे के तौर पर पेश किया जाए। यह धार्मिक कुंभ नहीं, बल्कि BJP का राजनीतिक कुंभ था।” अखिलेश ने इस कदम को जनता के साथ धोखा करार दिया।
BJP पर समाज को बांटने का इल्जाम
अखिलेश ने BJP पर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाते हुए कहा, “अगर कोई धर्मों के बीच दरार पैदा कर रहा है, तो वह BJP है।” उन्होंने Sambhal में हुई हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि पुलिस और प्रशासन की गलतियां इसके लिए जिम्मेदार थीं। अखिलेश ने मांग की कि हिंसा में शामिल अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए। उन्होंने BJP पर किसानों, बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों को नजरअंदाज करने का भी आरोप लगाया।
सपा-कांग्रेस गठबंधन को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम
अखिलेश का यह बयान 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले सपा-कांग्रेस गठबंधन को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम है। 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस गठबंधन ने उत्तर प्रदेश में शानदार प्रदर्शन किया था, जिसने BJP को केवल 33 सीटों पर समेट दिया। अखिलेश की PDA रणनीति, जिसमें पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वोटरों को एकजुट करने पर जोर है, ने BJP की हिंदुत्व रणनीति को कड़ी टक्कर दी थी।
हालांकि, हाल के उपचुनावों में सपा को नुकसान हुआ, जहां BJP ने 9 में से 6 सीटें जीतीं। अखिलेश ने इन हार के लिए EVM और पुलिस के दुरुपयोग का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “EVM के बावजूद हम BJP को हराएंगे, और अगर मैं 80 सीटें भी जीत जाऊं, तो EVM हटाऊंगा।”
क्या कहते हैं विश्लेषक?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अखिलेश की यह रणनीति BJP के लिए 2027 में बड़ी चुनौती पेश कर सकती है। सपा की PDA रणनीति और कांग्रेस के साथ गठबंधन ने 2024 में गैर-यादव OBC, दलित और मुस्लिम वोटरों को एकजुट किया था। हालांकि, कुछ विश्लेषकों का कहना है कि सपा को उपचुनावों की हार से सबक लेते हुए जमीनी स्तर पर संगठन को और मजबूत करना होगा।
अखिलेश के इन बयानों ने उत्तर प्रदेश की सियासत में नई हलचल पैदा कर दी है। अब देखना यह है कि क्या सपा-कांग्रेस गठबंधन 2027 में BJP के ‘डबल इंजन’ को पटरी से उतार पाएगा, या योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में BJP फिर से सत्ता में वापसी करेगी।