Coronavirus JN.1 : कोरोना (Corona) के नए वेरिएंट को JN.1 नाम दिया गया है और लक्जमबर्ग (Luxembourg) के साथ साथ Ingland, Iceland, France और America में इसकी पहचान की गई है।
बता दें कि अच्छी बात यह है कि अभी तक भारत में इस वेरिएंट का फिलहाल कोई केस नहीं है। लेकिन जिस तरह से इसके बेहद संक्रामक होने की बात कही गई उससे चिंतित होना लाजिमी है।
JN.1 है बेहद संक्रामक
कोविड के दूसरे वेरिएंट की तुलना में इसे ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि JN.1,XBB.1.5 और HV.1 से अलग है। अगर कोरोना के इन दोनो स्ट्रेन की बात करें तो America में वैक्सीन का Booster Dose XBB.1.5 और HV.1 के खिलाफ लड़ाई लड़ने में कारगर है।
लेकिन JN.1 पूरी तरह अलग है। XBB.1.5 और HV.1 में अब तक 10 mutation यानी बदलाव हुए हैं। जबकि XBB.1.5 की तुलना में JN.1 में 41 बदलाव हुए हैं।
ज्यादातर बदलाव स्पाइक प्रोटीन (Spike Protein)से संबंधित हैं, सबसे बड़ी बात यह है कि बेहद संक्रामक होने के साथ साथ वैक्सीन भी असरकारी नहीं है।
न्यूयॉर्क स्थित बफैलो यूनिवर्सिटी (Buffalo University) के Dr. Thomas Russo (डॉ थॉमस रुसो )का कहना है कि यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता से खुद को बचा लेता है, इसका अर्थ यह है कि अगर कोई JN.1 की चपेट में आया तो उसके लिए मुश्किल के दिन आने वाले हैं। कुछ आंकड़ों के मुताबिक JN.1 में 41 तरह के mutation की वजह से वैक्सीन भी कम असरकारी हैं।
वैक्सीन से हार सकता है कोरोना
कोरोना वायरस पर लगाम लगाने के लिए वैश्विक स्तर पर अलग अलग वैक्सीन पर काम किया गया। भारत में इस समय स्वदेशी कोवैक्सीन के साथ साथ Covishield and Sputnik( कोविशील्ड और स्पुतनिक )उपलब्ध है। इन वैक्सीन की वजह से करोड़ों लोगों को कोरोना के प्रकोप से सुरक्षित रखने में मदद मिली है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना 2020-21 में जब कोरोना अपने पीक पर था। उस वक्त के वेरिएंट के मुताबिक वैश्विक स्तर पर वैक्सीन पर काम शुरू हुआ।
यह बात सच है कि 2020 से लेकर आज की तारीख में कोरोना वायरस में कई Mutation हुए हैं। लेकिन JN.1 में जिस तरह से Mutation हुआ है उसे देखते हुए नए सिरे से Vaccine पर काम करना होगा।
2 लाख से ऊपर लोगों की जान चली गई
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ों के मुताबिक वैश्विक स्तर पर कोरोना के अब तक 77 करोड़ केस दर्ज किए गए हैं। इन 77 करोड़ मामलों में 69 लाख लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
अगर दुनिया के कुछ चुनिंदा देशों की बात करें तो America में 10 करोड़ कंफर्म केस आए थे जिनमें 11 लाख लोगों की जान चली गई। चीन में 9 करोड़ केस सामने आए थे और सवा लाख लोगों की मौत हुई।
भारत में 4.5 करोड़ केस सामने आए और पांच लोगों की जान चली गई, France में कुल 3.8 करोड़ केस सामने आए जिनमें एक डेढ़ करोड़ से अधिक लोगों की जान गई।
Germany में कुल 3.8 करोड़ केस दर्ज किए गए थे और 1.74 लाख लोगों की जान चली गई। UK में करीब 2.5 करोड़ प्रभावित हुए और 2 लाख से ऊपर लोगों की जान चली गई। इन आंकड़ों से आप कोरोना की भयावहता को समझ सकते हैं।