नई दिल्ली: RBI ने एक Bank को बंद करने का आदेश दिया है। लेकिन अभी तक इस बैंक के सभी ग्राहकों ने अपना पैसा यहां से नहीं निकाला है। ऐसे में ये खबर ऐसे ग्राहकों के लिए काफी अहम है।
यदि उन्होंने समय रहते अपना पैसा इस बैंक से नहीं निकाला तो बाद में परेशानी में फंस सकते हैं।
जी हां! पुणे के रुपी सहकारी बैंक (Rupee Co-Operative Bank) को आरबीआई ने दो दिन बाद बंद करने का आदेश दिया है।
22 सितंबर के बाद सेवाएं हो जाएंगी बंद
इस बैंक की सेवाएं 22 सितंबर के बाद बंद हो जाएंगी। इस बैंक पर रिजर्व बैंक (Reserve Bank) के नियमों के पालन नहीं करने का आरोप है। इस बैंक के ग्राहकों के पास सिर्फ 22 सितंबर 2022 तक का समय है। उस तारीख के बाद ग्राहक बैंक में जमा पैसे नहीं निकाल सकते हैं।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) देश के कई बैंकों पर नियम न फॉलो करने के कारण समय-समय पर जुर्माना लगाता रहता है। यदि नियमों की अनदेखी बढ़ जाए तो कुछ बैंकों के लाइसेंस (Licence) तक कैंसिल कर दिए जाते हैं।
10 अगस्त को ही प्रेस विज्ञप्ति की गई थी जारी
रिजर्व बैंक ने बीते 10 अगस्त को एक प्रेस रिलीज (Press Release) जारी कर इस बैंक का लाइसेंस रद्द (License canceled) करने की बात कही थी। रिलीज में बताया गया था कि पुणे के रुपी सहकारी बैंक लिमिटेड का लाइसेंस छह सप्ताह बाद कैंसिल हो जाएगा।
यह समय सीमा 22 सितंबर 2022 तक है। अब दो दिन बाद बैंक की सभी ब्रांच बंद हो जाएंगी। साथ ही ग्राहक अपने पैसे नहीं निकाल पाएंगे। इससे पहले भी कई बैंकों की खराब वित्तीय हालत (poor financial condition) को देखते हुए आरबीआई उनके लाइसेंस रद्द कर चुका है।
ग्राहकों को डिपॉजिट पर इतना मिलेगा इंश्योरेंस कवर
RBI के नियमों के अनुसार, बैंकों में ग्राहकों के पांच लाख रुपये तक डिपॉजिट (Deposit) पर इंश्योरेंस (Insurance) कवर होता है। जिन ग्राहकों का पैसा रुपी सहकारी बैंक लिमिटेड में जमा है, उन्हें 5 लाख रुपये तक के डिपॉजिट पर इंश्योरेंस का कवर मिलेगा। यह इंश्योरेंस डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (ऊकउॅउ) इंश्योरेंस स्कीम के तहत है।
गौरतलब है कि ऊकउॅउ एक रिजर्व बैंक की सब्सिडियरी (Subsidiary) है, जो को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है।
ऐसे में किसी खाताधारक (Account Holder) के 5 लाख रुपये के डिपॉजिट पर ऊकउॅउ उसे पूरा इंश्योरेंस क्लेम देता है। किसी ग्राहक की पांच लाख रुपये से अधिक की रकम फंसी हुई है, तो उसके केवल पांच लाख रुपये की ही भरपाई होगी।
लाइसेंस रद्द होने का मुख्य कारण
पुणे के रुपी सहकारी बैंक की वित्तीय हालात बहुत खराब हो चुकी है। साथ ही उसके कमाई के भी कोई साधन नहीं बचे थे। आरबीआई के अनुसार, बैंक के पास पूंजी नहीं बची है। ऐसे में आरबीआई ने इस बैंक के लाइसेंस को ही कैंसिल कर दिया है।