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अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने समस्याओं को लेकर की CM हेमंत सोरेन से मुलाकात

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रांची: आज विधानसभा स्थित मुख्यमंत्री कक्ष में अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ (Jharkhand Primary Teachers Association) की वार्ता CM Hemant Soren से हुई।

CM ने कहा कि जो तत्काल समाधान किये जाने के योग्य मांगें हैं, उन्हें लंबित रख कर विभाग समस्याओं को क्यों बनाये रखता है।

मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि शिक्षकों की न्यायोचित मांगों का समाधान किया जायेगा। प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र चौबे (Vijendra Choubey) के नेतृत्व में संघ के प्रतिनिधि वार्ता में शामिल हुए।

मुख्यमंत्री के सामने रखी गई यह मांगे

संघ के मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद (Naseem Ahmed) ने बताया कि वार्ता में शिक्षकों को बिहार की भांति सुनिश्चित वृति उन्नयन योजना (MACP) का लाभ देने, सचिवालय सहायकों की तरह छठे वेतनमान में शिक्षकों के उत्क्रमित वेतन विसंगति दूर करने, अंतरजिला स्थानांतरण के नियम को सरल करने और शिक्षकों को लिपिकीय और गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त करने की मांग तथ्यों के साथ रखी गई।

एक ही नीति सिद्धांतों से सभी का समाधान होना चाहिए

संघ ने कहा कि सेवा हित के मामले में शिक्षकों और अन्य कर्मियों में विभेदपूर्ण नीति के कारण समस्याएं उत्पन्न होती है। बिहार ने शिक्षकों को एमएसीपी दे दिया, लेकिन झारखंड में इसे दरकिनार कर रखा गया है।

इसी प्रकार छठे वेतनमान की विसंगति को सचिवालय कर्मियों के लिए दूर कर दिया गया, लेकिन शिक्षकों को इससे अलग रखा गया। एक ही नीति सिद्धांतों से सभी का समाधान हो जाना है।

जो काम होने लायक है उसे विभाग ने क्यों लंबित रखा – हेमंत सोरेन

इस पर मुख्यमंत्री ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि जो काम होने लायक है, उसे भी विभाग क्यों लंबित रखकर समस्याओं को जन्म देता है।

उन्होंने कहा कि इन सबका समाधान जल्द होगा।शिक्षकों के अंतर जिला स्थानांतरण नीति की कमियों को संघ द्वारा मुख्यमंत्री के समक्ष रखते हुए 2020 के शिक्षा मंत्री की अनुशंसाओं को लागू करने या 1994 के नियम को फिर से बहाल करने के मांग की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतरजिला स्थानांतरण की कमियों को दूर करने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

विभाग में एनजीओ के हस्तक्षेप पर मुख्यमंत्री गंभीर दिखे

इसके साथ ही शिक्षा विभाग में एनजीओ के हस्तक्षेप और शिक्षकों को लिपिकीय कार्य एवं गैर शैक्षणिक कार्य में लिप्त रखने के प्रति संघ ने मुख्यमंत्री का ध्यानाकृष्ट कराया।

शिक्षा विभाग में NGO के हस्तक्षेप पर मुख्यमंत्री गंभीर दिखे। शिक्षकों को शिक्षण कार्य की आजादी देने के लिए विभाग से बात करने की बात कही।

वार्ता के दौरान मंत्री बन्ना गुप्ता भी रहे मौजूद

वार्ता में स्वास्‍थ्‍य मंत्री बन्ना गुप्ता (Banna Gupta) भी मौजूद थे। उन्होंने भी शिक्षकों की मांगों को मुख्यमंत्री के समक्ष समाधान करने पर बल दिया।

वही, प्रतिनिधिमंडल में संघ के प्रदेश अध्यक्ष बृजेंद्र चौबे, महासचिव राममूर्ति ठाकुर, मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद, उपाध्यक्ष दीपक दत्ता, बाल्मिकी कुमार, असदुल्लाह, अजय ज्ञानी हरे कृष्ण चौधरी, संतोष कुमार, सुधीर दुबे, आभा लकड़ा, संजय कांडुलना, रघु महतो, मनी उरांव, संजय कुमार, महेश्वर घोष, कृष्ण झा उपस्थित थे।

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