रांची: राज्यपाल रमेश बैस (Governor Ramesh Bais) ने कहा कि लोकतांत्रिक संस्थाओं की मर्यादा और विश्वास को अक्षुण्ण रखना सभी जनप्रतिनिधियों का दायित्व है।
सभी जनप्रतिनिधि विधानसभा (Representatives Assembly) की प्रतिष्ठा और मर्यादा को और उच्च करने में योगदान दें। उन्होंने कहा कि जनता के भरोसे पर खरा उतरने के दायित्व के प्रति जनप्रतिनिधियों को हमेशा संवेदनशील रहना चाहिए। सभी सदस्य दलगत भावना से ऊपर उठकर कार्य करें।
राज्यपाल मंगलवार को झारखंड विधान सभा के 22वें वर्षगांठ पर आयोजित समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जनता की आवाज सदन के माध्यम से सरकार तक पहुंचाने में जनप्रतिनिधियों (Public Representatives) की सक्रिय सहभागिता जरूरी है।
राज्य विधायिका कार्यपालिका को आईना दिखाने का काम करती है
जनता अपने प्रतिनिधि का चयन बहुत ही आशाओं और विश्वास के साथ करती है। इसलिए जनप्रतिनिधि उनकी समस्याओं के निराकरण एवं क्षेत्र के विकास के लिए उत्तरदायी हैं।
बैस ने कहा कि राज्य के विकास में राज्य विधायिका का अहम योगदान होता है। न केवल कानून बनाने के लिए, बल्कि पक्ष और विपक्ष के सभी विषयों पर चर्चा और वाद-विवाद का अवसर विधायिका उपलब्ध कराती है।
राज्य विधायिका अपने विभिन्न समितियों के माध्यम से भी कार्यपालिका के क्रिया-कलापों भी निगरानी रखती है। समय-समय पर की जाने वाली समीक्षाओं से ये समितियां कार्यपालिका (Executive) को आईना दिखाने का काम करती है, जो व्यापक जन-कल्याण में सहायक होती है।