जमशेदपुर : अगर Quality Education देने की बात हो तो क्वालिटी टीचर (Quality Teacher) भी चाहिए। दूसरी बात विद्यार्थियों की संख्या के अनुपात में शिक्षकों की नियुक्ति (Appointment of Teachers) भी होनी चाहिए। एक स्कूल के पूरे सिस्टम को ठीक से चलाने के लिए विधिवत प्रधानाध्यापक भी चाहिए।
अगर ऐसा नहीं है तो साफ है कि हमारी व्यवस्था बदतर है। बेशक झारखंड में शिक्षकों के नियुक्ति प्रक्रिया (Recruitment Process of Teachers) चल रही है मगर स्कूलों में प्रधानाध्यापकों की कमी पर ध्यान देना जरूरी है।
यदि समय पर शिक्षकों की प्रोन्नति होगी तो स्कूलों को समय पर प्रधानाध्यापक भी मिलेंगे मगर ऐसा नहीं हो पा रहा है, इसलिए परेशानी बढ़ गई।
योग्य शिक्षकों को प्रधानाध्यापक बनाने की मांग मुखर
इधर सुनने को मिल रहा है कि झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने शिक्षकों को प्रोन्नत कर प्रधानाध्यापक बनाने की मांग को तेज कर दिया है। शिक्षकों को प्रोन्नति नहीं मिलने के कारण प्रधानाध्यपकों के सभी स्वीकृत पद खाली हैं।
अब योग्य शिक्षकों को प्रोन्नति देकर प्रधानाध्यापक बनाने की मांग मुखर होने लगी है। इसकी प्रक्रिया चल भी रही है, लेकिन रफ्तार काफी सुस्त है। मामले को झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने प्रमुखता से उठाया है।
शिक्षा सचिव से मिलकर बताई हकीकत
पूर्वी सिंहभूम इकाई के एक प्रतिनिधिमण्डल ने सोमवार को जिलाध्यक्ष अरुण कुमार सिंह (Arun Kumar Singh) के नेतृत्व में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव से मुलाकात भी की।
सचिव को प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि विभागीय नियमानुसार शिक्षकों (Teachers as Per Departmental Rules) के विभिन्न ग्रेडों यथा ग्रेड 3, ग्रेड 4, ग्रेड 5 एवं ग्रेड 7 में प्रोन्नति देने की प्रक्रिया प्रारंभ है।
ग्रेड 4 स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक का ग्रेड है, इसमें अनेक विद्यालयों में पद रिक्त हैं। ग्रेड 7 प्रधानाध्यापक का पद है। इस Grade में वर्तमान समय में एक भी प्रधानाध्यापक कार्यरत नहीं है।
प्रधानाध्यापकों के कुल स्वीकृत 195 पद हैं, लेकिन सारे के सारे खाली हैं। संघ ने सचिव से कहा कि ऐसी परिस्थिति में गुणवत्ता युक्त शिक्षा की कल्पना (Vision of Quality Education) कैसे की जा सकती है। प्रतिनिधिमण्डल में अरुण कुमार, राजेंद्र कुमार कर्ण, रामाकांत शुक्ल शामिल थे।