लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 23 नवंबर से सभी राज्य व निजी विश्वविद्यालय खोले जाएंगे। इस बारे में अपर मुख्य सचिव ने प्रदेश के सभी जिलों के जिलाधिकारियों, उच्च शिक्षा निदेशक, प्रयागराज, सभी राज्य व निजी विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को पत्र लिखकर आदेश जारी कर दिए हैं।
मंगलवार को इस संबंध में अपर मुख्य सचिव मोनिका एस गर्ग ने प्रदेश के सभी जिलों के जिलाधिकारियों, उच्च शिक्षा निदेशक, प्रयागराज, सभी राज्य व निजी विश्वविद्यालयों के कुलसचिव को पत्र लिखकर आदेश जारी कर दिए हैं।
जारी आदेश में कहा गया है कि कक्षाओं में अधिकतम 50 प्रतिशत विद्यार्थी ही उपस्थित रहेंगे। वहीं, कॉलेज स्टॉफ को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने का आदेश दिया गया है। निर्देश में छात्रों से अपील करते हुए कहा है कि सभी छात्रों को फेस कवर-मास्क पहनना अनिवार्य होगा।
उन्होंने बताया कि मोबाइल में आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना चाहिए, छात्रों को शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ्य रहना चाहिए। छात्रों को ऐसी गतिविधियां विकसित करनी चाहिए जो प्रतिरक्षा बढ़ाने में उपयोगी हों।
इनमें व्यायाम, योग, ताजे फल खाना, स्वस्थ्य भोजन और समय से सोना शामिल है। छात्रों को कोविड-19 महामारी के मद्देनजर स्वास्थ्य एवं सुरक्षा उपायों के संबंध में विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए।
यह भी कहा गया है कि वृद्ध कर्मचारी, गर्भवती महिला तथा गंभीर रोगी को छात्रों के सीधे संपर्क में आने से बचाना होगा। प्रयोगशाला में अधिकतम क्षमता को कम करते हुए पुन: निर्धारण किया जाना चाहिए।
उधर, कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव में प्रदेश सरकार की रणनीति को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सराहनीय बताया है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना पीड़ित मरीजों के संपर्क में आए 93 प्रतिशत लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कर कोरोना की रफ्तार पर लगाम कसी है।
कोविड-19 बचाव के लिए यूपी सरकार ने जो कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की रणनीति अपनाई है, वह दूसरे प्रदेशों के लिए नजीर बन सकती है।