लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) की लखनऊ पीठ (Lucknow Peeth) ने मौलाना कलीम सिद्दीकी (Maulana Kaleem Siddiqui) को जमानत दे दी है, जिसे सितंबर 2021 में बड़े पैमाने पर धर्म परिवर्तन रैकेट चलाने और उत्तर प्रदेश में 100 से अधिक लोगों को परिवर्तित करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
यह आदेश जस्टिस अताउर रहमान मसूदी (Ataur Rehman Masoodi) और सरोज यादव की डबल बेंच ने दिया।
ATS ने सिद्दीकी को मेरठ से गिरफ्तार किया
राज्य के आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATS) ने सिद्दीकी को मेरठ से गिरफ्तार किया था और दावा किया था कि वह देश भर में सबसे बड़ा रूपांतरण सिंडिकेट (Big Conversion Syndicate) चलाता है और उसके द्वारा संचालित एक ट्रस्ट में हवाला के माध्यम से दान भी बरामद किया गया था।
ATS ने जून से सितंबर 2021 तक राज्य भर में 16 लोगों को गिरफ्तार किया था।
इरफान शेख को हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी
राज्य सरकार के एक वकील ने कहा कि समानता के आधार पर जमानत दी गई थी, क्योंकि मामले में एक सह-आरोपी इरफान शेख (Irfan Shaikh) को हाल ही में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने जमानत दी थी।
वकील ने कहा, शुरुआत में मार्च 2022 में, शेख की जमानत को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था और उसने सुप्रीम कोर्ट का रुख करने का फैसला किया। शेख को कथित धर्मांतरण गिरोह के मास्टरमाइंड के लिए गिरफ्तार किया गया था।
महाराष्ट्र के मूल निवासी इरफान ने एक विशेष अदालत ADJ ककक (ATS / NIA) में जमानत के लिए आवेदन किया था, जिसे 21 अक्टूबर, 2021 को खारिज कर दिया गया था। इरफान के वकील ने बाद में उच्च न्यायालय का रुख किया, उसने भी जमानत याचिका रद्द कर दी।