दुमका: 13 सितंबर से लापता 50 वर्षीय महिला दुर्गे महारानी का बुधवार को शव मिला। शव जिले के काठीकुंड प्रखंड की बरतला पंचायत स्थित हीरूडी गांव के जंगल में मिला।
जानकारी के अनुसार, महिला के लापता होने के कारण उसके परिवार व ग्रामीणों ने 22 सितंबर तक अपने ग्राम के आस-पास छानबीन की, लेकिन कुछ पता नहीं चला। इसके बाद उन्होंने 22 सितंबर को काठीकुंड थाना में महिला की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवायी थी।
इसके बाद काठीकुंड प्रशासन छानबीन में जुट गयी। इसी दौरान काठीकुंड पुलिस ने संदेह के आधार पर गांव के ही दो युवकों मोहन देहरी और बाबूराम देहरी को हिरासत में लेकर पूछताछ की।
दोनों आरोपी युवक सगे भाई हैं और मृतक महिला रिश्ते में उनकी बुआ लगती थी। पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में दोनों आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल किया।
इसके बाद एसडीपीओ नूर मुस्तफा के नेतृत्व में इंस्पेक्टर अतिन कुमार, थाना प्रभारी श्यामल मंडल दल-बल के साथ नक्सल प्रभावित क्षेत्र काठीकुंड क्षेत्र के आरोपी बाबूराम देहरी के साथ पहाड़ी के ऊपर स्थित हीरूडी गांव से लगभग दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित घटनास्थल पर पहुंच शव को जमीन खोदकर बरामद किया।
शव को जिले के पोस्टमॉर्टम हाउस में भेजा गया। मृतक महिला अपने भाई के साथ रहती थी। उसके पति घर जमाई के रूप में उन्हीं के साथ रहते थे। मृतक महिला की दो शादीशुदा बेटियां हैं। बेटी पानवती ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवायी थी।
पुलिस ने बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि मवेशी चराने के विवाद में उन्होंने अपनी बुआ की हत्या कर साक्ष्य छुपाने के उद्देश्य से जंगल में दफनाया था।
जंगल में मवेशी चराने के दौरान दोनों भाइयों ने बेहरमी से पिटाई करते हुए पत्थर पर पटककर अपनी बुआ की हत्या कर दी थी।
आशंका यह भी जतायी जा रही है कि महिला की हत्या डायन-बिसाही के आरोप में की गयी होगी। हालांकि, पुलिस हत्या का कारण मवेशी चराने का विवाद बता रही है।