नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने एक हिंदू देवता के खिलाफ 2018 में एक ‘आपत्तिजनक ट्वीट’ करने के मामले में ‘ऑल्ट न्यूज’ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर (Mohammad Zubair) को शुक्रवार को जमानत देते हुए कहा कि आरोपी को हिरासत में रखकर उससे पूछताछ करने की आवश्यकता नहीं है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश देवेंद्र कुमार जांगला (Judge Devendra Kumar Jangla) ने 50,000 रुपए के मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पर जुबैर को राहत दी। साथ ही अदालत ने जुबैर को उसकी पूर्व अनुमति के बिना देश से बाहर नहीं जाने को कहा।
अदालत ने आरोपी को निर्देश दिया कि वह अपराध को दोहराए नहीं और यह सुनिश्चित करे कि उसके ट्वीट या रीट्वीट या सोशल मीडिया (Social Media) पर कोई भी अन्य सामग्री भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (धर्म, जाति, जन्मस्थान, आवास, भाषा इत्यादि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने… और सौहार्द बनाए बनाने के प्रतिकूल कदम उठाना) और धारा 295ए (किसी वर्ग के धर्म और धार्मिक आस्थाओं का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर एवं दुर्भावनापूर्ण कृत्य करना) की सीमाओं से परे रहें।’’
मामला अभी जांच के शुरुआती चरण में
न्यायाधीश (Judge) ने कहा, ‘मामले के तथ्यों एवं परिस्थितियों तथा आरोपी को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की आवश्यकता नहीं होने के तथ्य के मद्देनजर मैं याचिकाकर्ता/आरोपी मोहम्मद जुबैर की ओर से दायर की गई जमानत याचिका को स्वीकार करने के पक्ष में हूं। याचिकाकर्ता की जमानत मंजूर की जाती है।’
अदालत ने जुबैर को जेल से रिहाई के तीन दिन के भीतर जांच एजेंसी को अपना पासपोर्ट (Passport) सौंपने का निर्देश दिया। उसने साथ ही कहा कि आरोपी ‘सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेगा और न ही किसी ऐसी गतिविधि में लिप्त होगा, जो गैर कानूनी है या जो लंबित मामले में कार्यवाही के प्रतिकूल है।’
न्यायाधीश ने कहा, ‘थाना प्रभारी/जांच अधिकारी जब भी आरोपी/याचिकाकर्ता को जांच के लिए बुलाएगा, वह पेश होंगे।’
एक मजिस्ट्रेट अदालत (Magistrate Court) ने मामले में दो जुलाई को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी और उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
मजिस्ट्रेट अदालत ने आरोपी के खिलाफ अपराधों की प्रकृति और गंभीरता का जिक्र करते हुए कहा था कि मामला अभी जांच के शुरुआती चरण में है।