Aman Sahu News: अमन साहू (Aman Sahu) के जेल की सलाखों के पीछे होने के बावजूद बाहरी दुनिया से संपर्क बनाए रखना, अपराधी नेटवर्क से जुड़े रहना और जेल प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठना – अमन केस में कई चौंकाने वाली बातें सामने आ रही हैं।
अमन के पिता निरंजन साव (Niranjan Saav) ने दावा किया है कि उनका बेटा कभी अपराधी नहीं था, बल्कि परिस्थितियों ने उसे इस राह पर धकेल दिया।
कैसे शुरू हुआ अपराध की दुनिया से नाता?
परिवार का कहना है कि अमन का कुछ आपराधिक प्रवृत्ति (Criminal Tendencies) के लोगों से झगड़ा हुआ था, जिसके बाद उसे झूठे मामलों में फंसा दिया गया।
बार-बार कानूनी पचड़ों में उलझने के कारण वह अपराध की दलदल में फंसता चला गया। कई बार उसने इससे निकलने की कोशिश की, लेकिन हर बार किसी नए केस में नाम जोड़ दिया गया।
कैद में था, फिर भी बाहरी दुनिया से संपर्क!
परिवार के अनुसार, अमन साल 2015 से न्यायिक हिरासत में है, लेकिन इसके बावजूद वह बाहरी दुनिया से संपर्क में था। यह सवाल खड़ा करता है कि जेल प्रशासन की मिलीभगत के बिना यह संभव कैसे हुआ? क्या अंदर से ही अपराध को बढ़ावा देने वाली कोई व्यवस्था चल रही थी?
परिवार का प्रशासन पर सवाल – कब मिलेगा इंसाफ?
अमन के पिता का कहना है कि उनके बेटे को जानबूझकर अपराध की दुनिया में धकेला गया और सिस्टम ने उसे कभी सुधरने का मौका नहीं दिया। अब वे प्रशासन से न्याय की मांग कर रहे हैं और चाहते हैं कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो।